Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Apr, 2020 05:13 PM
रेल मंत्रालय के अधीन आने वाली संस्था रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) के कर्मचारियों ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को मजबूती देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का फैसला किया है।
नयी दिल्ली: रेल मंत्रालय के अधीन आने वाली संस्था रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) के कर्मचारियों ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को मजबूती देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का फैसला किया है।
प्राधिकरण की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस पहल को लेकर रेल भूमि विकास प्राधिकरण के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने बताया कोविड-19 महामारी के कारण देश विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। इस वैश्विक संकट से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों के प्रयासों की हम सराहना करते हैं। एक जिम्मेदार संगठन के रूप में हम सरकार के साथ खड़े हैं।
प्रधिकरण ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए सरकार द्वारा किए जा प्रयासों को मजबूती देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में अपने सभी कर्मचारियों के एक दिन का वेतन का योगदान करने का निर्णय किया है। लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से ही आरएलडीए कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन कर रहा है। आरएलडीए के सभी कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें कर रहे हैं ताकि निर्बाध संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) रेल मंत्रालय के अधीन आने वाला एक सांविधिक प्राधिकरण है। इसकी स्थापना गैर-भाड़ा उपायो द्वारा राजस्व अर्जन के उद्देश्य से रेल भूमि का वाणिज्यिक विकास करने के लिये रेल अधिनियम 1989 मे संशोधन करके हुई थी। वर्तमान में, भारतीय रेलवे के पास पूरे देश में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है।