Edited By ,Updated: 17 Mar, 2017 11:58 AM
विश्व बैंक ने 17.5 करोड़ डॉलर की एक परियोजना को मंजूरी दी है जिससे संस्थानों को अपने क्षेत्रों में ..
नई दिल्ली: विश्व बैंक ने 17.5 करोड़ डॉलर की एक परियोजना को मंजूरी दी है जिससे संस्थानों को अपने क्षेत्रों में जल की स्थिति का आकलन करने में मदद मिलेगी और बाढ़ व सूखे को लेकर संवेदनशीलता की स्थिति घटेगी। राष्ट्रीय जलविज्ञान (हाइड्रोलॉजी) परियोजना अब एचपी-एक और एचपी-दो के तहत हासिल सफलता को आगे बढ़ाएगी, जिससे पूरे देश को इसके दायरे में लाया जा सके। इसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र बराक बेसिन के राज्य भी आएंगे।
वाशिंगटन मुख्यालय वाले विश्व बैंक ने बयान में कहा कि यह परियोजना हाइड्रोलॉजी परियोजना-एक और हाइड्रोलॉजी परियोजना दो की सफलता पर आगे बढ़ाई गई है, जिसके तहत दो बड़ी नदी प्रणालियों (कृष्णा-सतलज व्यास) में तत्काल आधार पर बाढ़ की भविष्यवाणी की एकीकृत प्रणाली तथा मौसम के अनुमान को एकीकृत किया जाएगा।