वैल्डिंग की ङ्क्षचगारी से सैक्टर-53 की फर्नीचर मार्कीट में फिर भड़की आग, 13 दुकानें जलकर राख

Edited By Updated: 22 Jun, 2022 10:21 PM

10 fire tenders from chandigarh and mohali

सैक्टर-53 में शहर की सबसे बड़ी फर्नीचर मार्कीट में बुधवार को एक बार फिर आग लग गई। टीन शैड वाली अस्थाई फर्नीचर मार्कीट में आग इतनी तेजी से फैली कि कई दुकानदारों को सामान बचाने का समय भी नहीं मिल सका। दुकानों में लगी आग की लपटें टीन की छतों से बाहर आ...

चंडीगढ़, (सुशील राज): सैक्टर-53 में शहर की सबसे बड़ी फर्नीचर मार्कीट में बुधवार को एक बार फिर आग लग गई। टीन शैड वाली अस्थाई फर्नीचर मार्कीट में आग इतनी तेजी से फैली कि कई दुकानदारों को सामान बचाने का समय भी नहीं मिल सका। दुकानों में लगी आग की लपटें टीन की छतों से बाहर आ गई और आसमान में धुआ ही धुआ हो गया। आग लगते ही वहां हड़कंप मंच गया और दुकानदारों व वहां काम करने वाले कर्मचारियों के बीच भगदड़ मच गई। दुकानदारों ने पहले खुद बुझाने की कोशिश की लेकिन जब आग बेकाबू हो गई तो मामले की सूचना फायर बिग्रेड और पुलिस को दी। फायर बिग्रेड की दर्जनों गाडिय़ां अत्याधुनिक उपकरणों सहित फर्नीचर मार्कीट में पहुंची और आग पर काबू पाना शुरू किया, लेकिन भंयकर आग के सामने फायरकर्मी भी बेबस दिखाई दिए। जांच में सामने आया कि आग 13 दुकानों में लगी, जिनमें 12 फर्नीचर की और एक टी स्टाल है। आग बुझाने के लिए चंडीगढ़ नगर निगम के दमकल विभाग की 8 और मोहाली की दो गाडिय़ां मौके पर पहुंची हुई थीं, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद शाम 6 बजे आग पर काबू पा लिया। डिजास्टर मैनेजमैंट की टीम भी संजीव कोहली की देखरेख में मौके पर मौजूद रही और बचाव कार्य में दुकानदारों की मदद की।

 


सैक्टर-53 स्थित फर्नीचर मार्कीट की एक दुकान में वैल्डिंग का काम चल रहा था। वैल्डिंग के दौरान अचानक चिंगारी दुकान के अंदर रखे लाख दाने में लगी और आग लग गई। फर्नीचर मार्कीट के दुकानदारों ने चार बजकर 9 मिनट पर आग लगने की सूचना फायर विभाग को दी। फायर विभाग चंडीगढ़ और मोहाली की गाडिय़ां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाना शुरू किया। इस दौरान आसपास के दुकानदारों ने भी अपना फर्नीचर व अन्य सामान निकालकर सड़क पर ढेर लगा दिया जिससे फायर कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

 

साल 1986 से फर्नीचर मार्कीट अस्थाई रूप से चल रही है। मार्कीट में अब तक 12 बार आग लग चुकी है। अधिकतर आग रात के समय लगती रही है। इससे वहले 13 अप्रैल, 2020 को कोरोना की पहली लहर के दौरान जब लॉकडाऊन लगा था उस समय फर्नीचर मार्कीट में आग लगी थी। उस समय लगभग 15 दुकानों में आग लगने से भारी नुक्सान हुआ था। उस समय आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया था। पुलिस ने इस मामले पर अज्ञात के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था।

वहीं एक दुकानदार राजकुमार ने बताया कि एक दुकानदार की लापरवाही से लाखों रुपए का नुक्सान हो गया। उन्होंने बताया कि हर साल मार्कीट में आग लगती है, लेकिन दुकानदार आग न लगने को लेकर कोई इंतजाम नहीं करते। दुकानदार सतीश गोयल ने बताया कि दुकानदारों को फर्नीचर बनाने के लिए कारीगर कहीं और रखने चाहिए। फर्नीचर बनाने में कैमिकल का इस्तेमाल होता है जिस कारण हर बार आग लगती है। उन्होंने बताया कि जिस दुकानदार का नुक्सान हुआ है उसे ही अहसास होता है। यहां के दुकानदार लंबे समय से प्रशासन से पक्की दुकानों और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं जबकि प्रशासन अवैध फर्नीचर मार्कीट मानता है।

जानकारी के अनुसार हर दुकान में 30 से 40 लाख रुपए का फर्नीचर और रॉ मटीरियल होता है। मार्कीट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश भंडारी की दुकान पर भी आग लगी है जिनका लाखों का नुक्सान हुआ है।

 

दुकानदारों ने फर्नीचर निकालकर रखा सड़क पर
आग लगते ही सभी दुकानदारों ने दुकान के अंदर रखा फर्नीचर बाहर निकालना शुरू कर दिया। दुकानदारों और उनके कर्मचारियों ने फर्नीचर सड़क के बीच ही रख दिया। हल्का फर्नीचर तो दुकानदार निकालने में कामयाब हो गए, लेकिन वजनदार फर्नीचर को निकालने में कामयाब नहीं हुए। हर बार फर्नीचर मार्कीट में आग कैमिकल के कारण ही लगती है, लेकिन दुकानदार आग लगने की घटना को रोकने में कामयाब नहीं होते। इस कारण है कि टिन शेड में बनी दुकानों के आगे फर्नीचर रखा है और पीछे उन्होंने कारीगर रखे हुए हैं। यह कारीगर फर्नीचर तैयार करते हैं। 
 

 

अगर मार्कीट अवैध तो किसने दिए बिजली कनैक्शन
प्रशासन हमेशा से कहता आया है कि सैक्टर-53 की फर्नीचर मार्कीट अवैध रूप से बनी हुई है जिसे हटाने के कई बार प्रयास भी हुए, लेकिन राजनैतिक दखल के मार्कीट हटाई नहीं जा सकी। फर्नीचर मार्कीट में इस वक्त करीब 100 दुकानें हैं जिनके पास बिजली कनैक्शन के अलावा इसी पते पर जी.एस.टी. नंबर भी दिया गया है। अधिकांश दुकानदारों ने आगे फर्नीचर डिस्प्ले किया हुआ है और पीछे अवैध रूप से वर्कशॉप्स चल रही हंै, जहां फर्नीचर तैयार करने के लिए ज्वलनशील फैवीकोल, सॉल्यूशन, लाख और फोम आदि का इस्तेमाल होता है जिसकी वजह से आग बहुत तेजी से फैलती है। उक्त जवलनशील पदार्थों को स्टोर करने की अनुमति भी किसी के पास नहीं है फिर भी इन पर कार्रवाई नहीं होती।

 

सड़क पर लगा लंबा जाम, पुलिस ने रास्ता किया डायवर्ट
फर्नीचर मार्कीट में जिस समय आग लगी उस समय अधिकतर ऑफिसों में छुट्टी का समय होता है। चंडीगढ़ में नौकरी करने वाले लोग मोहाली वापस जाने लगे तो फर्नीचर मार्कीट में आग को देख उन्होंने अपने-अपने वाहन रोक दिए। लोग सड़क पर खड़े होकर वीडियो बनाने लगे थे। सड़क पर लंबा जाम होते ही ट्रैफिक पुलिस ने फर्नीचर मार्कीट के सामने वाली सड़क को बंद कर दिया। पुलिस ने ट्रैफिक का डायवर्ट किया है। 
 

 

अब तक 12 बार लग चुकी है आग
-14 सितम्बर, 2016 को फर्नीचर मार्कीट में देर रात आग लगी, कई दुकानें जलीं
-11 दिसम्बर, 2018 को देर रात आग लगी, 30 दुकानें जलीं
-5 मार्च, 2020 को देर रात आग लगी, दुकानों के बाहर रखा सामान जला
-13 अप्रैल, 2020 को देर रात आग लगी, 15 दुकानें जलीं
-2021 में दस दुकानों में लगी आग, लाखों का सामान हुआ राख

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