अब 12वीं के विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा गोल्डन चांस, सरकार ने लगाई रोक

Edited By ,Updated: 22 May, 2017 10:57 AM

12th students will not get golden chance

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से हाल ही में घोषित किए गए 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के परिणाम में ग्रेस अंक न दिए जाने से बड़ी संख्या में फेल हुए विद्यार्थियों को दिए जाने वाला प्रस्तावित गोल्डन चांस अब नहीं दिया जा रहा है।

मोहाली(नियामियां) : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से हाल ही में घोषित किए गए 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के परिणाम में ग्रेस अंक न दिए जाने से बड़ी संख्या में फेल हुए विद्यार्थियों को दिए जाने वाला प्रस्तावित गोल्डन चांस अब नहीं दिया जा रहा है। 

 

तकनीकी अड़चनों के चलते शिक्षा विभाग ने यह फाइल आपत्ति लगाकर वापस लौटा दी है। 12वीं कक्षा का परिणाम लगभग 62 प्रतिशत रहा था। विद्यार्थियों को ग्रेस के अंक नहीं दिए गए क्योंकि केंद्रीय स्तर पर सभी स्कूल शिक्षा बोर्डों के प्रमुखों तथा शिक्षा सचिवों की दिल्ली में हुई एक बैठक में यह फैसला किया गया था कि विद्यार्थियों को ग्रेस के अंक देने बंद किए जाएं। 

 

हालांकि ग्रेस अंक देने से मेधावी छात्रों को कोई फर्क नहीं पड़ता परंतु दो-चार अंकों से फेल हो रहे विद्यार्थियों को राहत जरूर मिल जाती है तथा वह पास हो जाते हैं। इस मीटिंग के फैसले पर शिक्षा बोर्ड ने दृढ़ता दिखाई तथा ग्रेस अंक नहीं दिए। दूसरा इस बार नकल पर भी लगभग पूरी तरह से अंकुश लगा। तीसरा इंटरनल असैस्मैंट के अंक भी घटा दिए गए, जिस कारण परिणाम काफी कम रहा। 

 

परीक्षा दूसरी बार आयोजित करने से मना किया :
शिक्षा बोर्ड के उच्चाधिकारियों की सरकार के निर्देश पर ही एक बैठक भी हुई। फैसला किया गया कि फेल हुए विद्याॢथयों को एक गोल्डन चांस दिया जाए ताकि वह दोबारा परीक्षा देकर पास हो सके। यह परीक्षा जुलाई माह के दूसरे या तीसरे सप्ताह में आयोजित करनी प्रस्तावित थी। 

 

इस संबंध में शिक्षा बोर्ड के वाइस चेयरमैन डॉ. सुरेश कुमार टंडन ने  बताया था कि सिद्धांतिक तौर पर बोर्ड ने यह परीक्षा करवाने का फैसला ले लिया है तथा अनूपुरक परीक्षा जून माह में आयोजित करके यह गोल्डन चांस वाली परीक्षा जुलाई माह में करवाई जाएगी। यह फाइल जब शिक्षा सचिव स्तर तक पहुंची तो शिक्षा बोर्ड के ही नियमों का हवाला देते हुए ऐसी कोई परीक्षा दूसरी बार आयोजित करने से मना कर दिया गया। 

 

इसके लिए बोर्ड के संविधान में संशोधन करना होगा, क्योंकि साल में एक बार वार्षिक परीक्षा होती है तथा एक बार अनूपुरक परीक्षा। जिन परीक्षाॢथयों के री-अपीयर की परीक्षा के दोनों चांस निकल जाते हैं, उन्हें कई बार शिक्षा बोर्ड तीसरा गोल्डन चांस देता रहा है। शिक्षा सचिव द्वारा यह फाइल वापस भेज दिए जाने से यह पक्का हो गया है कि अब फेल परीक्षार्थियों को गोल्डन चांस नहीं दिया जाएगा। 

 

वहीं, शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन बलबीर सिंह ढोल ने संपर्क करने पर बताया कि  वास्तव में ऐसा फैसला नहीं हुआ था बल्कि यह हवाला दिया गया था कि ग्रेस अंक न दिए जाने के कारण अब विशेषतौर पर संपूर्ण परीक्षा करवाना नियमानुसार सही नहीं होगा। इसी पर शिक्षा सचिव ने अपनी टिप्पणी दी है। 22 मई को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा का जो परिणाम घोषित किया जा रहा है, वह भी काफी कम आ रहा है। 

 

सूत्रों का कहना है कि ग्रेस अंक न दिए जाने के कारण यह परिणाम 55 प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है। इतनी बड़ी संख्या में विद्याॢथयों के फेल होने से शिक्षा हलकों तथा राज्यभर में हलचल मचनी लाजमी है।

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