एक्सीडैंटल डैथ के बाद नहीं दी डबल बीमा राशि, फोरम ने ठोका 30 हजार हर्जाना

Edited By Priyanka rana,Updated: 06 Oct, 2019 09:52 AM

accidental death

एक्सीडैंटल डैथ के बाद बीमा कंपनी ने उबल बीमा राशि नहीं दी, जिसके चलते उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : एक्सीडैंटल डैथ के बाद बीमा कंपनी ने उबल बीमा राशि नहीं दी, जिसके चलते उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। फोरम ने कंपनियों को 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ डेढ़ लाख रुपए देने के निर्देश दिए हैं। 

मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए 20 हजार रुपए मुआवजा और 10 हजार रुपए मुकद्दमा खर्च भी शिकायतकत्र्ता को अदा करना होगा। दोनों कंपनियों द्वारा आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिनों के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी नहीं तो उन्हें क्लेम और मुआवजा राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देना होगा। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण-1 ने सुनवाई के दौरान जारी किए। 

बाथरूम में गिरने से आई थी सिर में चोटें :
शांतिनगर, मनीमाजरा चंडीगढ़ निवासी पिंकी ने फोरम में लाइफ इंश्योरैंस कार्पोरेशन ऑफ इंडिया, सैक्टर-2 पंचकूला, द सीनियर डिवीजन मैनेजर, डिवीजन ऑफिस, एल.आई.सी. ऑफ इंडिया, करनाल और द चेयरमैन, लाइफ इंश्योरैंस कार्पाेरेशन ऑफ इंडिया मुंबई के खिलाफ शिकायत दी थी। फोरम ने द चेयरमैन, लाइफ इंश्योरैंस कार्पाेरेशन ऑफ इंडिया, मुम्बई का नाम प्रतिवादी पक्ष की सूची से डिलीट कर दिया था और ऊपर दोनों पक्षों के खिलाफ ही ये आदेश सुनाए हैं। 

शिकायतकर्ता ने कहा कि उनके पति मृतक हरीश कुमार ने बीमा कंपनी के पंचकूला ऑफिस से इंश्योरैंस पॉलिसी ली। 11 अक्तूबर 2017 की शाम को हरीश कुमार बाथरूम में स्लिप करने के बाद फ्लोर पर गिर गए, जिससे उन्हें सिर पर कई चोटें आईं। जिसके बाद ही वह उन्हें प्राइमरी हैल्थ सैंटर, मनीमाजरा लेकर गए, जिसके बाद उन्हें जी.एम.सी.एच. सैक्टर-32 रैफर कर दिया गया। इसके बाद ही उन्हें पी.जी.आई. रैफर किया गया, जहां 26 अक्तूबर 2017 को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। 

उन्होंने कहा कि डैथ के बाद डबल बीमा राशि पे करनी चाहिए थी, जबकि उन्हें सिर्फ साधारण क्लेम राशि एक लाख 74 हजार 948 रुपए ही जारी की। जिसके बाद ही कंपनियों पर सेवा में कोताही का आरोप लगाते हुए इस संबंध में फोरम में शिकायत दी गई। दूसरे दोनों पक्षों ने कहा कि उन्होंने सेवा में कोई कोताही नहीं बरती। 

फोरम ने अपने आदेशों में कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने अल्कोहल का सेवन किया है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वह गिर जाएगा। साथ ही इस केस में ऐसा भी नहीं कि लिकर काफी अधिक तादाद में सेवन की गई थी, जिसके चलते वह बैलेंस खोने के चलते गिर गए। इस तरह ऐसा नहीं माना जा सकता कि अल्कोहलिक व्यक्ति जमीन पर गिरा जाएगा और इसे प्रूफ भी नहीं माना जा सकता है। 

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