पद्मश्री-पद्मभूषण के लिए भेजे 4 नाम, सभी डॉक्टर

Edited By Priyanka rana,Updated: 14 Jan, 2019 10:54 AM

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चंडीगढ़ प्रशासन ने पी.जी.आई. के डायरैक्टर डॉ. जगत राम समेत कुल चार नाम 26 जनवरी को दिए जाने वाले पद्म अवार्ड के लिए भेजे हैं। प्रशासन की ओर से केंद्र सरकार को इसकी सिफारिश की गई है।

चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ प्रशासन ने पी.जी.आई. के डायरैक्टर डॉ. जगत राम समेत कुल चार नाम 26 जनवरी को दिए जाने वाले पद्म अवार्ड के लिए भेजे हैं। प्रशासन की ओर से केंद्र सरकार को इसकी सिफारिश की गई है। 

इसमें खास बात यह है कि सिफारिश के साथ पद्म अवार्ड 2019 के लिए एम.एच.ए. को जो चार नाम भेजे गए हैं। वह चारों ही डॉक्टर हैं। इस बार भेजे गए चार नामों में से तीन नाम पिछले साल की लिस्ट में भी थे। तीन लोगों को पद्मश्री और एक डाक्टर को पद्म भूषण अवार्ड के लिए सिफारिश की गई है। 

जानकारी के मुताबिक पिछले साल भी डॉ.जगत राम, डॉ.अनिल भंसाली और डॉ. ए.के. गुप्ता के नाम पद्मश्री अवार्ड के लिए मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स को भेजे गए थे, लेकिन किसी वजह से इनका चयन नहीं हो पाया था। प्रशासन ने एक बार फिर से ये तीनों नाम पद्मश्री अवार्ड के लिए भेजे हैं। इसके अलावा प्रशासन ने इस बार डॉ. जगदीश चोपड़ा का नाम पद्म भूषण के लिए भेजा है।

इन्हें मिल चुका है अवॉर्ड :
अभी तक चंडीगढ़ से कुल 48 लोगों को पद्म अवार्ड मिल चुका है। इसमें 14 को पद्म विभूषण और 34 को पद्म श्री अवार्ड मिला है। इनमें डॉ. जे.एस. ग्रेवाल (पद्मश्री), डॉ. आर.के. साबू (पद्मश्री), के.एल. जाकिर (पद्मश्री), डॉ. के.के. तलवार (पद्म विभूषण), हीरा लाल सिब्बल (पद्म भूषण), डॉ. एच.एस. चावला (पद्मश्री), डॉ. बी.एन. गोस्वामी (पद्म भूषण), डॉ. जे.एस. चोपड़ा (पद्म भूषण), प्रो. आरसी सोबती (पद्मश्री) और डॉ. केएस चुग (पदमश्री) शामिल हैं। इसके अलावा स्वर्गीय जसपाल भट्टी को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार मिला।

मैडीकल सुपरिंटैंडैंट और हैड हैं प्रो. ए.के. गुप्ता :
हॉस्पिटल में इंफॉरमेशन टेक्नोलाजी का काम बेहतरीन करने और आई डोनेशन प्रमोशन को लेकर पहले अवार्ड भी मिल चुका है। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में उन्हें महारत हासिल है।

पी.जी.आई. के निदेशक हैं डा. जगत राम :
एम.बी.बी.एस. की डिग्री मैडीकल कॉलेज शिमला, हिमाचल प्रदेश से पूरी हुई थी। वह पी.जी.आई. में नेत्र रोग विशषेज्ञ हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्हें इन उल्लेखनीय कामों के लिए कई अवार्डों से भी नवाजा जा चुका है। 

एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमैंट के हैड डा. अनिल भंसाली :
डायबटीज टाइप-2 के लिए भंसाली ने सही टैक्नीक या सॉल्यूशन इजाद किया। सेल ट्रांसप्लांटेशन टैक्नीक के जरिए किया जाता है। वह डायरैक्टर की रेस में भी थे। डा. भंसाली स्टेम सेल से डायबटीज के मरीजों के इलाज पर भी काम कर रहे हैं।
 

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