यूटी के सभी विभागों को नए वाहन खरीदते समय बजट कट का रखना होगा ध्यान

Edited By pooja verma,Updated: 21 May, 2020 10:39 AM

all departments of ut will have to take care of budget

चंडीगढ़ प्रशासन ने पिछले वर्ष यूटी के सभी विभागों के स्टाफ कार समेत अन्य वाहनों के खरीदने पर लगे बैन को हटा दिया था और अब प्रशासन ने इन वाहनों को खरीदने में जिन-जिन प्रक्रियाओं की पालना करनी है, वो जारी कर दी है।

चंडीगढ़ (राजिंद्र शर्मा) :  चंडीगढ़ प्रशासन ने पिछले वर्ष यूटी के सभी विभागों के स्टाफ कार समेत अन्य वाहनों के खरीदने पर लगे बैन को हटा दिया था और अब प्रशासन ने इन वाहनों को खरीदने में जिन-जिन प्रक्रियाओं की पालना करनी है, वो जारी कर दी है। प्रशासन ने साफ किया है कि विभागों को नए वाहनों को  खरीदते और हायर करने का कोई प्रस्ताव तैयार करने से पहले सभी विभागों के बजट में लगे कट को ध्यान में रखना होगा और उसी के मुताबिक प्रस्ताव तैयार करना होगा।  इसके इलावा भी प्रशासन ने अन्य प्रक्रियाएं शामिल की हैं, जिन्हें जारी किया गया।

 

यूटी एडवाइजर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में इस संबन्ध में फैसला लिया गया था, जिसमें सामने आया था कि प्रशासन के पास विभागों के वाहन खरीदने के लिए काफी रिक्वेस्ट आयी हैं। प्रशासन ने साफ किया है कि अगर किसी विभाग को अपनी मौजूदा स्ट्रेंथ के बदले एक्स्ट्रा वाहन की जरूरत पड़ती है तो वह इसे जैम पोर्टल के जरिए खरीद सकता है। अगर वह वाहन जैम पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होता है तो उसे विभाग द्वारा ओपन मार्किट से खरीदा जा सकेगा। हालांकि की कंसर्न एचओडी को सर्टिफिकेट रिकॉर्ड करना होगा कि संबन्धित वाहन जैम पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है व फाइनेंस डिपार्टमेंट व जैम अथॉरिटी के समक्ष ये मामला उठाना होगा ताकि ऐसे वाहनों को सर्विस में शामिल किया जा सकें। 

 

फुल जस्टिफिकेशन के साथ डिपार्टमैंट को प्रस्ताव देना होगा
डिपार्टमेंट को लगता है कि वाहन को हायर करने से उनकी जरूरतें पूरी नहीं होंगी और ऑपेरशनल सर्विस के लिए वाहन खरीदने की जरूरत है तो विभाग को ड्राइवर्स की उपलब्धता और बजट के इलावा फुल जस्टिफिकेशन के साथ फाइनेंस डिपार्टमेंट को प्रस्ताव सबमिट करना होगा। वहीं अनुपयोगी घोषित किए हुए वाहनों के संबन्ध में विभागों को केंद्र सरकार व यूटी प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले निर्देशों की पालना करनी होगी।  

 

बेवजह के खर्चे पर रोक लगाने को लिया गया फैसला
प्रशासन ने निर्देश दिए थे कि सभी डिपार्टमेंट्स 20 प्रतिशत से अधिक फंड्स फर्स्ट क्वार्टर के अंदर खर्च नहीं कर पाएंगे। इससे अधिक खर्च पर प्रशासन की तरफ से रोक लगा दी गयी थी। कोरोना वायरस के इस संकट में बेवजह के खर्चे पर रोक लगाने के लिए ही प्रशासन ने ये फैसला लिया थी। केंद्र सरकार की तरफ से भी इस संबंध में निर्देश दिए गए थे। अब वाहनों की खरीद करते समय भी इस कट को विभागों के लिए ध्यान में रखना जरूरी किया गया है। इस संबन्ध में प्रशासन द्वारा यूटी के सभी एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरीज व हेड्स ऑफ डिपार्टमेंट को लेटर जारी किया गया है। बता दें कि प्रशासन ने पिछले वर्ष करीब पांच साल बाद वाहन खरीदने का बैन लिफ्ट किया था। 


 

रेगुलर बेस पर खर्च रिव्यू करेगा प्रशासन :
प्रशासन ने साफ किया है कि मौजूदा क्वार्टर की इन गाइडलाइन की सख्ती से पालना की जानी चाहिए क्योंकि प्रशासन द्वारा रेगुलर बेसिस पर इस खर्च को रिव्यु किया जाएगा। इसके इलावा बजट कट के संबन्ध में प्रशासन ने साफ किया था कि 20 प्रतिशत से ऊपर खर्च की उन्हें पहले मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस, केंद्र सरकार से अप्रूवल लेनी पड़ेगा। अगर किसी डिपार्टमेंट को जरूरी खर्च की जरूरत पड़ेगी तो उस पर पहले से काम किया जाएगा। इसके इलावा सभी डिपार्टमेंट के फर्स्ट क्वार्टर के तहत उन्हें प्रत्येक हेड में जो अमाउंटस मेंशन है, वह उसके मुताबिक ही खर्च कर पाएंगे।

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