Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 04 Oct, 2023 09:09 PM
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पुलिसकर्मियों के लिए अनेक घोषणाएं की हैं। उन्होंने सभी पुलिस कर्मचारियों को मिलने वाले विभिन्न भत्तों जैसे राशन मनी, वर्दी भत्ता, किट मैंटेनैंस अलाऊंस, कमांडो की डाइट मनी में अढ़ाई गुणा बढ़ौतरी की घोषणा की।...
चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पुलिसकर्मियों के लिए अनेक घोषणाएं की हैं। उन्होंने सभी पुलिस कर्मचारियों को मिलने वाले विभिन्न भत्तों जैसे राशन मनी, वर्दी भत्ता, किट मैंटेनैंस अलाऊंस, कमांडो की डाइट मनी में अढ़ाई गुणा बढ़ौतरी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राशन मनी को अब डाइट मनी के नाम से पुकारा जाएगा। साथ ही उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों के लिए वर्दी भत्ता में बढ़ौतरी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जैसे पहले डी.एस.पी. को भर्ती के समय सिर्फ एक बार 5000 रुपए वर्दी भत्ता मिलता था, जो कि अब वर्ष में 10 हजार रुपए मिलेगा। मुख्यमंत्री बुधवार को करनाल में हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में आयोजित प्रोबेशनर सब-इंस्पैक्टर की दीक्षांत परेड समारोह में पुलिसकर्मियों को संबोधित कर रहे थे।
कन्वेयंस अलाऊंस 120 रुपए मासिक से बढ़ाकर 720 रुपए मासिक किया
मुख्यमंत्री ने कांस्टेबल व हैड कांस्टेबल को मिलने वाले कन्वेयंस अलाऊंस को 120 रुपए मासिक से बढ़ाकर 720 रुपए मासिक करने की घोषणा की, जो कि 6 गुना की वृद्धि है। साथ ही ए.एस.आई., एस.आई. और इंस्पैक्टर के लिए भी कन्वैंस भत्ता 1000 रुपए मासिक करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने घोषणा की कि हरियाणा पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में कार्यरत स्टाफ को विशेष भत्ते के रूप में बेसिक पे पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त यह भत्ता प्रशिक्षण केंद्रों में बतौर प्रशिक्षण स्टाफ अस्थाई डयूटी पर आए हुए कर्मचारियों को भी मिलेगा। प्रोबेशनर सब-इंस्पैक्टर की दीक्षांत परेड समारोह में प्रोबेशनर सब-इंस्पैक्टर का मनोबल बढ़ाते हुए सी.एम. ने उनसे आह्वान किया कि पुलिस सिर्फ एक रोजगार नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान और देश के प्रति सेवा का सम्मान है। इसलिए पुलिसकर्मियों को सदैव अपनी वर्दी का सम्मान रखते हुए जन सेवा के लिए स्वयं को समॢपत करना चाहिए। क्योंकि हमारे कंधे पर जो बैज लगा है, हम सभी उसका सम्मान बढ़ाते हैं और यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि पुलिस बल का सम्मान बना रहे।
दीक्षांत परेड समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री ने प्रोबेशनर उप-निरीक्षक बैच संख्या-20 में प्रथम रहे प्रोबेशनर सब-इंस्पैक्टर सचिन कुमार, द्वितीय स्थान पर रहे प्रोबेशनर सब-इंस्पैक्टर मंजित और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली प्रोबेशनर सब-इंस्पैक्टर टीना को प्रशंसा पत्र व नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। आज के दीक्षांत समारोह में कुल 441 प्रोबेशनर सब-इंस्पैक्टर ने कत्र्तव्य परायणता की शपथ ली और जन सेवा के लिए स्वयं को समॢपत किया। इनमें 380 पुरुष तथा 61 महिलाएं शामिल हैं।
प्रदेश के थानों की होगी रैंकिंग, 1 से 7 तक मिलेंगे स्टार
मनोहर लाल ने सुझाव देते हुए कहा कि जिस प्रकार पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति होती है और वर्दी पर स्टार बढ़ते जाते हैं, उसी प्रकार पुलिस थानों की भी स्टार रैंकिंग होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्दी पर स्टार एक व्यक्ति की पहचान के लिए ठीक हो सकता है, लेकिन पुलिस थानों को भी उच्च बनाने के लिए एक नई पहल करनी चाहिए। इसमें थाने का संचालन, कार्य का वातावरण, स्वच्छता, सुंदरता, भवन इत्यादि श्रेणियों को शामिल करते हुए स्टार रैंकिंग दी जानी चाहिए। अलग-अलग मापदंडों के लिए एक से लेकर 7 तक स्टार मिलेंगे तो नागरिकों का विश्वास भी उस थाने की ओर उतना ही ज्यादा बढ़ेगा।
हर पुलिस लाइन में खुलेगी ई-लाइब्रेरी
मनोहर लाल ने कहा कि हर पुलिस लाइन में ई-लाइब्रेरी खुलवाई जाए, ताकि पुलिसकर्मियों के बच्चे भी बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकें। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की जांच भी लगातार करवाई जानी चाहिए। मनोहर लाल ने परेड में शामिल जवानों तथा उनके माता पिता को बधाई देते हुए कहा कि माता-पिता के सहयोग के बिना बच्चे पुलिस में शामिल होकर ऐसी चुनौती भरे काम में इस प्रकार की सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसलिए आप सब का भी बहुत आभार।
441 सब-इंस्पैक्टर में से 61 बेटियां, जो पुलिस बल में हमारे लक्ष्य 15 फीसदी के करीब
मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार ने नौकरियों में टी.आर.पी. यानी ट्रांसपैरेंट रिक्रूटमैंट प्रोसैस शुरू किया और यह भर्ती भी मैरिट के आधार पर की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी 9 जनवरी, 2020 को 5192 जवान तथा 25 जुलाई को 400 सब-इंस्पैक्टर अपना प्रशिक्षण पूरा कर प्रदेश पुलिस का हिस्सा बने थे। आज पास हुए 441 प्रोबेशनर सब-इंस्पैक्टर में 61 बेटियां भी शामिल हैं, यह भी गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में पुलिस में महिलाओं का योगदान मात्र 3 प्रतिशत था, जो अब 10 प्रतिशत तक हो गया है। हमारा लक्ष्य पुलिस बल में महिलाओं की संख्या 15 प्रतिशत तक ले जाने का है, और आज के वर्तमान बैच में महिलाओं की संख्या को देखते हुए यह कहना गौरव की बात है कि हम इस लक्ष्य के और करीब पहुंच गए हैं।