कहानी अभी बाकी हैः साठ साल के बाद के जीवन की खुशी मनाने की एक मुहिम

Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 29 May, 2025 11:54 AM

a campaign to celebrate life after sixty

मीनाक्षी के साथ हुई एक बातचीत में उन्होंने जेनएस लाईफ की कहानी और इसके गान, ‘कहानी अभी बाकी है’ की भावना के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में बढ़ती उम्र की परिभाषा को बदलने के लिए वो क्या काम कर रही हैं।

चंडीगढ़। उम्र बढ़ने के साथ क्षमता कम होती चली जाती है, ऐसी मान्यता के बीच जेनएस लाईफ एक नया व आवश्यक परिवर्तन लेकर आया है। अनुभवी मीडिया प्रोफेशनल, मीनाक्षी मेनन द्वारा स्थापित, जेनएस लाईफ भारत में अपनी तरह का पहला प्लेटफॉर्म है, जो 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए डिज़ाईन किया गया है। यह प्लेटफॉर्म उन्हें अपनी शर्तों पर सम्मान, खुशी और स्वतंत्रता से जीवन जीने में समर्थ बनाता है। मीनाक्षी के साथ हुई एक बातचीत में उन्होंने जेनएस लाईफ की कहानी और इसके गान, ‘कहानी अभी बाकी है’ की भावना के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में बढ़ती उम्र की परिभाषा को बदलने के लिए वो क्या काम कर रही हैं।

60 साल के बाद के जीवन के बारे में समाज के किस दृष्टिकोण ने आपको जेनएस लाईफ के निर्माण की प्रेरणा दी?

60 साल का होने पर मेरा अपने प्रति नजरिया नहीं बदला, लेकिन लोग मुझे जिस नजर से देखते थे, वह बदल गई। एक ही रात में मेरी उम्र मेरी क्षमताओं से ज्यादा मायने रखने लगी।
मेरे साथ एक इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर में हुई एक घटना ने मुझे झकझोर दिया। मैं एक आईफोन खरीदने गई थी। वहां का सेल्समैन युवा था। हालाँकि उसके इरादे अच्छे थे, पर जब उसने हिचकिचाते हुए पूछा, ‘‘क्या यह आपके लिए बहुत ज्यादा जटिल नहीं होगा?’’ उसका लहजा अशिष्ट नहीं था, लेकिन इस सवाल ने समाज में मौजूद पूर्वाग्रह को स्पष्ट कर दिया कि उम्र बढ़ने का मतलब है, क्षमता कम हो जाना। यहीं से मेरे जीवन में परिवर्तन शुरू हो गया। मुझे एहसास हुआ कि यह केवल मेरी कहानी नहीं है। भारत में लाखों वृद्ध इसी अनुभव से गुजरते हैं। यहीं से मुझे जेनएस लाईफ का निर्माण करने की प्रेरणा मिली। यह केवल एक प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि यह एक मुहिम है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिस पर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को महसूस होता है कि उन्हें देखा, सहयोग किया और सशक्त बनाया जा रहा है। यह प्लेटफॉर्म उन्हें व दुनिया को स्मरण कराता है कि 60 साल के बाद का जीवन संभावनाओं, खुशी और उद्देश्य का जीवन है। 

‘‘कहानी अभी बाकी है’’ गीत काफी भावुक और उत्साहवर्धक है। यह गान बनाने की प्रेरणा आपको कैसे मिली, और आपने यह अभी क्यों बनाया?

‘‘कहानी अभी बाकी है’’ का जन्म वास्तविक कहानियों से हुआ है, जो मैं उन लोगों से सुनती आई हूँ, जो जिज्ञासा, उत्साह के साथ जी रहे हैं और समाज को बहुत कुछ दे रहे हैं। इन कहानियों ने मुझे एहसास कराया कि किसी के 60 साल का हो जाने का मतलब यह नहीं है कि उनके जीवन का सफर समाप्त हो गया। बल्कि यहाँ से उनके जीवन का एक खूबसूरत सफर शुरू होता है। मुझे महसूस हुआ कि यही समय है जब हमें बढ़ती उम्र के बारे में अपना दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है। इस बातचीत में संगीत एक सशक्त भूमिका निभा सकता है। संगीत लोगों को जोड़ता है। यह उन्हें प्रेरित करता है। हमने यह गीत एक मुहिम छेड़ने के उद्देश्य से बनाया। यह गीत स्पष्टता और गर्व के साथ कहता है कि जीवन का यह चरण सार्थक है एवं सपनों और ऊर्जा से भरपूर है। ‘‘कहानी अभी बाकी है’’ एक गीत से बढ़कर है। यह आशा, शक्ति और दूसरी शुरुआत का संदेश है।

ऊषा उथुप और शमीर टंडन के साथ काम करने से परिणामों में क्या परिवर्तन आया?

ऊषा जी और शमीर के साथ काम करना सम्मान की बात है। ऊषा जी में जबरदस्त ऊर्जा है। उनकी आवाज में प्रबलता ही नहीं, बल्कि खुशी और गर्मजोशी भी है। वो इस गीत के भाव को अच्छी तरह समझ गईं और ऐसा गाया जिससे यह वास्तविक और भावुक बन गया। शमीर को ध्वनियों और स्टोरीटैलिंग की गहरी समझ है, जिसने इस गीत को गहराई प्रदान की। उन्होंने इस गीत को ठीक वैसा मूड दिया, जैसा हम चाहते थे। कुछ ऐसा, जो न केवल आपका उत्साह बढ़ाए, बल्कि आपको सोचने के लिए भी प्रेरित करे। उन्होंने मिलकर ‘‘कहानी अभी बाकी है’’ को बहुत ही रचनात्मक बना दिया। उन्होंने ऐसा गीत बनाया, जो सीधे लोगों के हृदय से बात करता है।

बढ़ती उम्र के बारे में लोगों का दृष्टिकोण बदलने में आपको किन दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जेनएस लाईफ ने कहानियों और सेवाओं द्वारा क्या मदद की?

दृष्टिकोण बदलना मुश्किल होता है, खासकर तब, जब वह कई पीढ़ियों के साथ बना है। भारत में गहरी मान्यता है कि एक निश्चित उम्र तक पहुँचने के बाद जीवन छोटा हो जाता है। कम सक्रिय, कम सामाजिक और कम स्वतंत्र हो जाता है। मैं इस मान्यता को बदलना चाहती थी क्योंकि मैं अपने चारों ओर ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को देखती हूँ, जो इसके बिल्कुप विपरीत हैं। उनमें बहुत अनुभव, योग्यता और जीवन जीने की इच्छा है। जेनएस लाईफ के साथ हमने दो चीजों - कहानियों और सपोर्ट पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। हम उन लोगों की वास्तविक कहानियाँ सुनाते हैं, जो 60 साल की उम्र के बाद प्रेरणाप्रद काम कर रहे हैं। नए कौशल सीख रहे हैं। यात्राएं कर रहे हैं। दोस्त बना रहे हैं। और व्यवसाय भी शुरू कर रहे हैं। ये कहानियाँ दिखाती हैं कि यह सबकुछ संभव है। साथ हीह म ऐसा प्लेटफॉर्म भी बना रहे हैं, जो वास्तविक सेवाएं देता है। स्वास्थ्य, वित्त, सुरक्षा, यात्रा, केयर प्राप्त करने आदि में सहायता करता है। इस प्लेटफॉर्म का डिज़ाईन बहुत सरल है। इसका उपयोग वो लोग भी कर सकते हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी का ज्यादा ज्ञान नहीं है। इसे बनाने के पीछे मेरा एक विश्वास है कि जब लोगों को महसूस होता है कि उन्हें कोई देख रहा है और सहयोग दे रहा है, तो वो गरिमा और आत्मविश्वास के साथ जीवन जी सकते हैं, फिर चाहे उनकी उम्र कितनी भी क्यों न हो।

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!