जी-20 सम्मेलन दुनियाभर में शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पुख्ता प्लेटफॉर्म साबित होगा : मुख्यमंत्री

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 15 Mar, 2023 10:04 PM

attended the function of education working group

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उम्मीद जताई कि जी-20 सम्मेलन दुनियाभर में और खासतौर पर राज्य में शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए माहिर देशों के अहम सुझावों के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म साबित होगा, जिससे नौजवानों को बड़े स्तर पर फायदा होगा। यहां...

चंडीगढ़,(अश्वनी): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उम्मीद जताई कि जी-20 सम्मेलन दुनियाभर में और खासतौर पर राज्य में शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए माहिर देशों के अहम सुझावों के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म साबित होगा, जिससे नौजवानों को बड़े स्तर पर फायदा होगा। यहां बुधवार को जी-20 एजुकेशन वर्किंग ग्रुप की दूसरी मीटिंग के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मेरा मानना है कि इस सम्मेलन में होने वाला विचार-विमर्श न केवल शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने में सहायक होगा, बल्कि इससे राज्य के नौजवानों का बड़े स्तर पर फायदा होगा।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित बड़े मसलों को हल करने के लिए जी-20 की पुख्ता कोशिशों से भारत और खासतौर पर पंजाब की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। भगवंत मान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमन-शांति, बेहतर सहयोग और तालमेल के लिए जी-20 द्वारा की जा रही कोशिशों की भी सराहना की।  

 

 


‘ज्ञान को मानवीय जीवन का आधार’ बताने वाले संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर की विचारधारा पर चलते हुए राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने वाली पहलों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दे रही है। 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मानना है कि ‘शिक्षा’ और ‘स्वास्थ्य’ मानव जीवन का मूल हैं और सामाजिक विकास इन दोनों अहम क्षेत्रों की मजबूती और विस्तार पर निर्भर करता है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए 17,072 करोड़ रुपए का बजट रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ एमिनैंस’ में बदलने के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह उच्च वर्ग मानक ‘स्कूल ऑफ एमिनैंस’ विद्याॢथयों का समग्र विकास सुनिश्चित बनाएंगे। भगवंत मान ने कहा कि यह स्कूल 9वीं से 12वीं तक के विद्याॢथयों को शिक्षा प्रदान करेंगे।  इन स्कूलों का निर्माण सहयोग और बुनियादी ढांचे की मजबूती, अकादमिक, मानव संसाधन प्रबंधन, खेल और सह- शैक्षिक गतिविधियाँ और कम्युनिटी एंगेजमैंट के 5 स्तम्भों की बुनियाद पर किया जा रहा है।  

 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा यह स्कूल उच्च शिक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण और अन्य क्षेत्रों के लिए कौशल और व्यक्तिगत क्षमता को निखारने के लिए अवसर पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह स्कूल इंजनियरिंग, लॉ, कॉमर्स, यू.पी.एस.सी. और एन.डी.ए. के साथ-साथ 5 पेशेवर और मुकाबले वाले पाठ्यक्रमों के लिए विद्याॢथयों को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में शिक्षा का मानक ऊंचा उठाने के लिए वचनबद्ध है। 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्याॢथयों के शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए सरकारी स्कूलों का माहौल अनुकूल बनाने के लिए बजट में 141.14 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इससे कैंपस मैनेजरों के द्वारा स्कूलों की सफाई, सामान की देखभाल और स्कूलों का प्रबंधन प्रभावशाली तरीके से चलना सुनिश्चित बनेगा। कैंपस मैनेजरों के आने से स्कूलों के पिं्रसीपल प्रशासनिक और अकादमिक कत्र्तव्यों पर ध्यान दे सकेंगे। भगवंत मान ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे अध्यापकों, स्कूल प्रमुखों और शिक्षा प्रबंधकों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए इंटरनैशनल एजुकेशन अफेयर्ज सैल (आई.ई.ए.सी.) स्थापित किया गया है।  

 

 

 


ज्ञान की परस्पर अदला-बदली की जरूरत पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्याॢथयों के समग्र विकास के लिए यह एक प्रेरक के तौर पर काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पहले ही राज्य के विद्याॢथयों और अन्य मुल्कों के विद्याॢथयों के बीच ज्ञान की परस्पर अदला-बदली को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। भगवंत मान ने कहा कि यह समय की जरूरत है कि विद्यार्थी विश्व की सामाजिक-आॢथक तरक्की के हिस्सेदार बनें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रशिक्षण के लिए पिं्रसीपल अकादमी, सिंगापुर में 66 पिं्रसीपलों/ अध्यापकों के बैच भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि वापसी पर यह अध्यापक प्रशिक्षण संबंधित तजुर्बे को विद्याॢथयों और अपने साथी अध्यापकों के साथ साझा करेंगे, जिससे विद्यार्थी विदेशों में पढ़ाई के पैटर्न से अवगत होकर विदेशों में पढ़े-लिखे अपने साथियों का मुकाबला करने के योग्य हो सकें।  

 

 

 


भगवंत मान ने कहा कि यह एक क्रांतिकारी कदम है, जो राज्य की शिक्षा प्रणाली में अपेक्षित गुणात्मक बदलाव लाकर विद्याॢथयों के कल्याण के लिए राज्य की समूची शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए चयन का एकमात्र मापदंड योग्यता है, जिससे यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि वह शिक्षा सुधारों में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों का उद्देश्य नौजवानों को राज्य के सामाजिक-आॢथक विकास का सक्रिय हिस्सेदार बनाकर कौशल की हिजरत के रुझान को वापस लाना है। उन्होंने कहा कि यह अहम पहल पंजाब में शिक्षा प्रणाली के सुधार के लिए मील पत्थर साबित होगी।  

 

 


भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए पंजाब शिक्षा एवं स्वास्थ्य फंड कायम किया है, जो प्रवासी भारतीय भाईचारे के सहयोग से शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में बड़े सुधारों के लिए अहम साबित होगा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन विश्व भर के लोगों से संबंधित मुद्दों और समस्याओं को उजागर कर सरकारों को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि महान गुरुओं, संतों और पीरों की इस धरती पर इस मैगा समारोह के प्रबंध के लिए भारत सरकार सचमुच बधाई की पात्र है। भगवंत मान ने कहा कि अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली मशहूर शख्सियतों का स्वागत करने के लिए यहां आना उनके लिए गर्व की बात है।  

 

 


मुख्यमंत्री ने शिक्षा और श्रम के विषय पर दो सत्र करवाने के लिए इस पवित्र नगरी का चयन करने के लिए भारत सरकार का तहेदिल से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि अमृतसर पवित्र शहर है, जिसकी पुराने समय से ही सबके लिए विशेष जगह रही है, जहां दुनिया भर के श्रद्धालु शांति और सुकून की प्राप्ति के लिए नतमस्तक होने के लिए आते हैं। भगवंत मान ने याद किया कि विभाजन से पहले के दिनों में यह पवित्र शहर देश में व्यापार और व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अमृतसर को फिर से व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए पूरी तरह से प्रयासशील है और कई नामवर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने इस पवित्र शहर में अपने उद्यम स्थापित करने के लिए गहरी रुचि दिखाई है।

 

 

 

 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुराने समय से सभ्यता और सभ्याचार का पालना रहा है और 5 नदियों की इस पवित्र धरती पर मेहनती और बहादुर पंजाबियों ने इतिहास के कई पन्नों को नजदीक से देखा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 1960 के दशक के मध्य में हरित क्रांति की शुरूआत हुई, जिसके बाद हौजरी, हैंड टूल्ज, खेल, ऑटो-पाटर््स, कृषि यंत्रों, रबड़ और अन्य उद्योगों के रूप में तेजी से औद्योगीकरण हुआ। भगवंत मान ने यह भी कहा कि देश का अन्नदाता होने के साथ-साथ पंजाब को देश की खड्ग भुजा होने का गौरव भी हासिल है और यहां के लोग अपनी हिम्मत और समॢपत भावना के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। मुख्यमंत्री ने आशा अभिव्यक्त की कि सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधि राज्य की गरिमापूर्ण मेहमाननवाजी का आनंद लेंगे। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले प्रतिनिधि पंजाब दौरे की अच्छी यादों को अपने साथ लेकर जाएंगे। भगवंत मान ने सम्मेलन की सफलता की कामना भी की।

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