बंसल, टंडन मैट्रो के मुरीद, सांसद किरण खेर का मन मोनो पर अटका

Edited By bhavita joshi,Updated: 16 Feb, 2019 10:55 AM

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ट्राईसिटी में ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए शहर में क्या सही रहेगा, इसे लेकर एडवाइजरी काऊंसिल के सदस्यों में ही सहमति नहीं है।

चंडीगढ़ (राजिंद्र): ट्राईसिटी में ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए शहर में क्या सही रहेगा, इसे लेकर एडवाइजरी काऊंसिल के सदस्यों में ही सहमति नहीं है। शुक्रवार को सैक्टर-10 स्थित माऊंट व्यू होटल में चंडीगढ़ के प्रशासक के वी.पी. सिंह बदनौर की अध्यक्षता में एडवाइजरी काऊंसिल की मीटिंग हुई। मीटिंग में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल और बी.जे.पी. प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन समेत और अन्य बी.जे.पी. और कांग्रेसी नेताओं ने शहर के लिए मैट्रो प्रोजैक्ट का समर्थन किया। वहीं, स्थानीय सांसद किरण खेर ने मैट्रो का विरोध करते हुए मोनो रेल को ही शहर के लिए सही बताया। 

मैट्रो प्रोजैक्ट वर्ष 2010 में प्रस्तावित किया गया था लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रोजैक्ट को यह कहते हुए खत्म कर दिया था कि यह शहर के लिए सही नहीं है। इसकी जगह ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार के लिए अन्य विकल्प चुने जाने चाहिए। बताया जाता है कि मीटिंग के दौरान मैट्रो और मोनो रेल पर बी.जे.पी. सांसद और एक अन्य नेता में बहस भी हो गई। प्रशासक की दखल के बाद ही मामला शांत हुआ। प्रशासक ने सभी के सुझाव सुनने के बाद कहा कि मैट्रो और मोनो रेल के फाइनल फैसले को लेकर एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसकी दोबारा मीटिंग की जाएगी। उस मीटिंग में जो भी फैसला होगा, उसे निर्णय के लिए यूनियन मिनिस्ट्री को भेजा जाएगा।

 इसके अलावा मीटिंग में शॉप कम ऑफिस में एडीशनल कंस्ट्रक्शन का भी जहां कमेटी के सदस्यों ने समर्थन किया, वहीं इस कमेटी के चेयरमैन लिमिटेड परमिशन दिए जाने के ही हक में थे। उनका कहना था कि शहर की इन बिल्डिंग्स का मूल स्वरूप इन निर्माणों से नहीं बदलना चाहिए। काऊंसिल ने मध्य मार्ग पर बढ़ रहे पब एंड बार के चलते माहौल खराब होने पर भी ऐतराज जताया। इस पर पुलिस विभाग ने आश्वासन दिया गया कि इन पर विभाग द्वारा चैकिंग की जाएगी और ऐसी कोई भी स्थिति सामने आने पर कार्रवाई भी की जाएगी। 

निरीक्षण से पहले चैक करें शहर के लिए क्या सही : टंडन 
बी.जे.पी. प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने भी मीटिंग में हालांकि मैट्रो प्रोजैक्ट को सपोर्ट किया। टंडन ने कहा कि निरीक्षण पर पैसे बहाने से पहले यह चैक किया जाना चाहिए कि मैट्रो और मोनो में से शहर के लिए क्या सही है। उन्होंने कहा कि मैट्रो शहर की जरूरत है और अगर ये नहीं तो मोनो रेल इसके लिए दूसरा विकल्प हो सकती है। 

ट्राईसिटी के लिए मैट्रो से बेहतर कुछ नहीं : बंसल
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि शहर में ट्रैफिक समस्या और ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार करने के लिए मैट्रो से बेहतर और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि एक बार शहर में थोड़ी-बहुत खुदाई से बचने के लिए इतने बड़े प्रोजैक्ट से हाथ नहीं धोना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मोनो रेल पर भी काम किया गया, शहर में खुदाई तो तब भी होगी। विदेश में कई शहर हैं, जहां मैट्रो चले कई साल हो गए हैं इसलिए ये तो सिर्फ एक बार का काम है। इसके लिए ट्राईसिटी को साथ जोड़ा जाना है। 

मैट्रो से बिगड़ेगा शहर का स्वरूप, मोनो रेल बेहतर: खेर
स्थानीय सांसद किरण खेर ने मोनो रेल को शहर के लिए सही बताते हुए कहा कि जगह-जगह खुदाई करने से बेहतर शहर के लिए मोनो रेल चलाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब एंड हरियाणा चाहे तो मैट्रो यूज कर सकते हैं लेकिन चंडीगढ़ के लिए आगे मोनो रेल ही चलाई जानी चाहिए और यही शहर की ट्रैफिक समस्या को खत्म करने में कारगर सिद्ध हो सकती है। मैट्रो चलाने पर जहां 14 हजार करोड़ रुपए के करीब खर्च आएगा, वहीं मोनो रेल प्रोजैक्ट को एक तिहाई से भी कम 3500 करोड़ रुपए में पूरा किया जा सकता है। 

एस.सी.ओ. में एडीशनल कंस्ट्रक्शन समय की जरूरत 
काऊंसिल के लगभग सभी सदस्यों ने एस.सी.ओ. में एडीशनल कंस्ट्रक्शन और विस्तार का समर्थन किया, जबकि कमेटी के चेयरमैन और एक दो सदस्य कुछ लिमिटेड एरिया में ही परमिशन देने की बात कर रहे थे। बंसल और टंडन ने भी कहा कि एस.सी.ओ. में एडीशनल कंस्ट्रक्शन समय की जरूरत है, इसलिए इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। इनका नया डिजाइन होना चाहिए। इस दौरान कमेटी के कुछ सदस्यों ने इसके नए डिजाइन भी दिखाए। 

पब एंड बार की टाइमिंग पर नहीं हुआ फैसला 
बैठक में सामने आया कि मध्य पर मार्ग पर चल रही अधिकतम पब एंड बार के चलते माहौल खराब होता है। यही कारण है कि एस.एस.पी. ने मीटिंग में कहा है कि पुलिस विभाग द्वारा यहां पर नजर रखी जाएगी। ऐसा कोई भी मामला सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले काऊंसिल की एक कमेटी ने मीटिंग में पब एंड बार की टाइमिंग कम करने की मांग की थी और कहा था कि 12 बजे से अधिक इन्हें खुलने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि अभी तक इस पर मोहर नहीं लग पाई है। वहीं, हुक्का बार बैन करने को लेकर प्रस्ताव को डेफर कर दिया गया है। प्रस्ताव में कहा गया था कि पंजाब में हुक्का बार बंद कर दिए गए हैं, जबकि दिल्ली में कुछ नियमों के साथ इनकी अनुमति दे रखी है। शहर में भी इसे लेकर अंतिम फैसला लिया जाना चाहिए। 

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