घाटे का हवाला: अब लेजर वैली का आऊटलैट निजी हाथों में देगा सिटको

Edited By bhavita joshi,Updated: 02 Jul, 2019 12:06 PM

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चंडीगढ़ इंडस्ट्रीयल एंड टूरिज्म डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन (सिटको) अपने एक और आऊटलैट को निजी हाथों में देने जा रहा है।

चंडीगढ़(राजिंद्र शर्मा): चंडीगढ़ इंडस्ट्रीयल एंड टूरिज्म डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन (सिटको) अपने एक और आऊटलैट को निजी हाथों में देने जा रहा है। घाटे का हवाला देकर सैक्टर-10 स्थित लेजर वैली के आऊटलैट को निजी हाथों मेें सौंपा जाएगा। बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स की मीटिंग में इसे अप्रूवल दी गई है। बोर्ड ने इसके लिए रैंट भी तय कर लिया है और बैठक के मिनिट्स अप्रूव होने के बाद एजैंसियों से आवेदन मांगे जाएंगे।

 इस संबंध में सिटको के चीफ जनरल मैनेजर राकेश कुमार पोपली ने बताया कि सैक्टर-10 के इस आऊटलैट को रैंट पर देने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड मीटिंग में इस संबंधित प्रस्ताव को अप्रूव दी गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए डेढ़ लाख रुपए मासिक रैंट तय किया गया है, जो भी कंपनी इससे अधिक राशि पर आउटलैट्स लेने के लिए तैयार होगी। बोर्ड द्वारा उसे काम अलॉट कर दिया जाएगा। 

प्राइम लोकेशन पर है आऊटलैट
बताया जा रहा है कि इस आऊटलैट से सिटको को कुछ प्रॉफिट नहीं हो रहा है। सिटको का ये आऊटलैट प्राइम लोकेशन पर है, जहां पर युवाओं का जमावड़ा लगा रहता है। लाइट स्नैक्स, सॉफ्ट ड्रिंक, कॉफी, चाय इसमें सर्व किया जाता है। इसके अलावा आऊटलैट स्टफ्ड परांठा व राजमाह चावल और चना कुलचा के लिए प्रसिद्ध है। इतनी सही लोकेशन पर होने के बावजूद सिटको इसे चलाने में असमर्थ हो रहा है, जिससे सिटको की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। 

सिटको के कुछ कर्मचारियों का ये भी कहना है कि आऊटलैट से न तो कोई प्रॉफिट आ रहा है और न ही ये घाटे में जा रहा है। इसमें कर्मचारियों का वेतन और अन्य खर्च निकल रहे हैं, इसलिए आगे भी इसे ऐसे ही चलाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। यहां तक कि कर्मचारियों का दावा है कि इसकी सेल अब एक लाख रुपए तक पहुंच गई है। 

यूनियन बोली, अच्छी सेल हो रही 
सिटको प्रोग्रैसिव यूनियन चंडीगढ़ ने प्रशासन के इस प्लान का विरोध किया है। यूनियन के चेयरमैन कश्मीर चंद ने कहा कि प्रशासन के सभी होटल और यू.टी. सचिवालय की कैंटीन भी घाटे में चल रही है लेकिन उसका निजीकरण तो विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग में अगर किसी चीज से अधिकारियों का फायदा है तो वह सब कुछ चलता रहेगा लेकिन अगर चीज से फायदा नहीं मिल रहा है तो उसे बंद करने पर उतारू हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि आऊटलैट पर अच्छी सेल हो रही है और इससे कोई घाटा नहीं हो रहा है, इसलिए प्रशासन के फैसले का वह विरोध करते हैं। 

पहले चाइनीज रैंस्टोरैंट का लिया था फैसला 
इससे पहले सिटको ने अपने फाइव स्टार होटल माऊंट व्यू के चाइनीज रैस्टोरैंट को प्राइवेट हाथों में देने का फैसला लिया था। इसके लिए दो बार टैंडर जारी करने के बाद काम भी अलॉट किया गया था। इसको भी घाटे का हवाला देकर ही निजीकरण करने का फैसला लिया गया था। इससे पहले भी सिटको ने अपने दो रैस्टोरैंट प्राइवेट हाथों में दिए थे लेकिन सिटको का वह प्रयास भी कुछ खास नहीं रहा था। 

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