Edited By pooja verma,Updated: 18 Mar, 2019 11:32 AM
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के निर्वाचन कार्यालयों को एडवाइजरी जारी की है कि वह सभी राजनीतिक पार्टियों की कारगुजारियों पर पूरी नजर रखें ताकि चुनाव से ठीक 48 घंटे पहले पूरी तरह से इलैक्शन साइलैंस का पालन करवाया जा सके।
चंडीगढ़ (साजन): चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के निर्वाचन कार्यालयों को एडवाइजरी जारी की है कि वह सभी राजनीतिक पार्टियों की कारगुजारियों पर पूरी नजर रखें ताकि चुनाव से ठीक 48 घंटे पहले पूरी तरह से इलैक्शन साइलैंस का पालन करवाया जा सके।
कोई भी राजनीतिक पार्टी न तो चुनाव से 48 घंटे पहले घोषणापत्र और न ही उनका कोई राजनीतिक लीडर मीडिया से मुखातिब हो पाएगा। लोकसभा के 2014 में हुए चुनावों में इसको लेकर विवाद पैदा हो चुका है, लिहाजा इलैक्शन कमीशन नहीं चाहता कि किसी तरह से इस बार आचार संहिता की धज्जियां उड़ें।
बीते लोकसभा चुनाव के दौरान मॉडल कोड आफ कंडक्ट में यह चीजें क्लीयर नहीं थीं, लिहाजा इसको लेकर इलैक्शन कमीशन ने यह बदलाव कर स्पष्टीकरण जारी किया है। राजनीतिक पार्टियों को सैक्टर 126 का हवाला देते हुए इसमें अमैंडमैंट कर दिए हैं और निर्वाचन कार्यालयों को इसका पूरा ब्यौरा भेजा है। चंडीगढ़ कार्यालय के पास भी शनिवार को ब्यौरा पहुंचा।
गुजरात चुनावों में हुआ था विवाद
किसी भी राजनीतिक पार्टी का नुमाइंदा या लीडर या स्टार कैंपेनर चुनाव से ठीक 48 घंटे पहले से मीडिया से मुखातिब नहीं हो सकता। इसको लेकर भी गुजरात चुनावों में जबरदस्त विवाद बन चुका है जब कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में जाकर वहां के रीजनल चैनलों को अपना इंटरव्यू दिया था।
भाजपा ने इसको लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी। इस पर भी उस वक्त कोई क्लीयर इंस्ट्रक्शन इलैक्शन मॉडल कोड आफ कंडक्ट में नहीं थी। कांग्रेस ने इसके जवाब में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तो गुजरात चुनाव से ठीक एक दिन पहले रोड शो के जरिये वोटरों को लुभाने का प्रयास किया था।
इलैक्शन कमीशन के मुताबिक अगर कोई राजनीतिक पार्टी ऐसा करती है तो उस पर नियमों के मुताबिक न केवल कार्रवाई होगी बल्कि एफ.आई.आर. भी दर्ज हो सकती है। चुनाव कार्यालय, चंडीगढ़ से जुड़े अधिकारी सुधांशु गौतम ने बताया कि इस अमैंडमैंट का ब्यौरा शनिवार शाम को निर्वाचन आयोग, भारत के कार्यालय से हासिल हुआ है जिसमें कुछ अमैंडमैंट हैं।