Edited By Priyanka rana,Updated: 04 Aug, 2018 01:28 PM
कैब में बैठते ही परिजनों से लाइव लोकेशन करना और ड्राइवर का नाम व गाड़ी नंबर अपने परिजनों को बताना।
चंडीगढ़(पाल) : कैब में बैठते ही परिजनों से लाइव लोकेशन करना और ड्राइवर का नाम व गाड़ी नंबर अपने परिजनों को बताना। अक्सर महिलाएं टैक्सी में बैठते वक्त इन बातों का खास ध्यान रखती हैं ताकि किसी भी एमरजैंसी में उन तक पहुंचा जा सके।
इसी दुविधा को शहर की नई ई-कैब सर्विस ने दूर कर दिया है। जहां महिला पैसेंजर को सिर्फ महिला ड्राइवर ही पिक और ड्रॉप करेगी। 15 अगस्त से यह सर्विस शहर में लांच हो रही है। शहर के दो आई.टी. प्रोफैशनल्स अविनाश शर्मा और रजत लूथरा ने फ्यूचर ई-कैब नामक एप्प को डिजाइन किया है। डायरैक्टर मार्केटिंग अविनाश ने बताया कि इस एप्प में 75 प्रतिशत मेल ड्राइव रहेंगे जबकि 25 प्रतिशत फीमेल ड्राइवर रहेंगी।
विदेशों में कुछ जगहों पर इस तरह की सर्विस मुहैया करवाई जा रही है। चंडीगढ़ देश का पहला ऐसा शहर है जहां यह सर्विस शुरू की गई है। यूं तो शहर में चल रही दूसरी कैब्स में भी महिला ड्राइवर हैं, लेकिन उनमें यह ऑप्शन नहीं है कि उनकी राइड सिर्फ महिला पैसेंजर को ही मिलेगी। इस ई-कैब एप्प की खास यही है कि इसमें महिला पैसेंजर को महिला ड्राइवर ही पीक करेंगी।
सेव अवर सोल का भी ऑप्शन :
कैब में एस.ओ.एस. (सेव अवर सोल) की भी सुविधा है बटन क्लिक करते ही ड्राइवर के परिजनों और ऑफिस में मॉनिटरिंग कर रहे मैंबर्स तक पहुंच जाएगा। ऐसे में पास के पुलिस स्टेशन और पी.सी.आर. को सूचना मिल जाएगी। इंटरनैट इस सारे प्रोसैस में अहम भूमिका अदा करता है। हमने उन लोकेशन को ट्रेस किया है जहां इंटरनैट सर्विस बहुत खराब है। फिर भी अगर नैट किसी कारण से बीच में बंद हो जाए तो जी.पी.एस. के जरिए ट्रैकिंग जारी रहेगी।
24 घंटे महिला ड्राइवर्स पर रहेगी नजर :
अविनाश ने कहा कि महिला पैसेंजर व ड्राइवर की सेफ्टी को पूरा ध्यान में रखा गया है। 24 घंटे चलने वाला कॉल सैंटर महिला ड्राइवर्स पर नजर रखेगा। कोई महिला ड्राइवर रात की ड्यूटी भी करना चाहती है तो वह उसकी मर्जी है।
शाम 6 बजे के बाद कपल्स की एंट्री नहीं :
सुबह 9 बजे से किसी महिला के साथ अगर कोई मेल है तो फीमेल ड्राइवर उन्हें पिक कर सकती हैं, लेकिन शाम 6 बजे के बाद यह सर्विस नहीं मिलेगी। फिर भी अगर शाम को कोई महिला कैब बुक करती है और लोकेशन पर आने पर ड्राइवर को पता लगता है कि साथ मे कोई मेल पैसेंजर है तो वह तुंरत राइड कैंसिल कर सकती हैं।
दुबई में चल रही पिक और यैलो कैब से मिला आइडिया :
अविनाश ने बताया कि साल-2016 में वह और रजत किसी काम से दुबई गए थे। अचानक उनकी वाइफ के फोन से गलती से उनके बेटे ने एमरजैंसी मैसेज कर दिया था। जब उन्हें वह मैसेज मिला तो वह काफी घबरा गए थे। इस घटना के बाद वह बाहर जाते वक्त वाइफ की सेफ्टी को लेकर अक्सर परेशान हो जाते थे क्योंकि कई बार वह भी कैब का इस्तेमाल करती हैं।
उन्होंने बताया कि दुबई में उन्होंने पिक और येलो कैब का ट्रैंड देखा पिक कैब जहां महिलाओं के लिए है वहीं यैलो सिर्फ पुरुषों की सेवाएं देती है। वहीं इन्होंने आइडिया लिया जिस पर वह दो सालों से काम कर रहे थे।