Edited By pooja verma,Updated: 11 May, 2020 10:21 AM
लॉकडाउन के बाद ट्राईसिटी में फंसे लोगों की घर के लिए रविवार को पहली श्रमिक ट्रेन उत्तर प्रदेश के गौंडा के लिए रवाना हुई।
चंडीगढ़ (लल्लन यादव): लॉकडाउन के बाद ट्राईसिटी में फंसे लोगों की घर के लिए रविवार को पहली श्रमिक ट्रेन उत्तर प्रदेश के गौंडा के लिए रवाना हुई। इस ट्रेन में 1188 यात्रियों को रवाना किया। गौंडा जाने वाली इस ट्रेन में 24 कोच लगाए थे। प्रत्येक 72 सीटों वाले कोच में फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ मात्र 50 यात्रियों को रवाना किया गया। सफर करने वाले यात्रियों को प्रशासन की ओर खाना व पानी का बोतल तथा भाजपा की और नमकीन व चाय का दिया गया।
लेकिन इसी बीच क्रेडिट लेने के चक्कर मे भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने सामने आ गए और नारे बाजी करने लगे।जिसके बाद आर पी एफ के अधिकारियों ने मामला संभाल। ट्रेन मे यात्रा करने वाले यात्रियों में ज्यादातर लोग दिहाड़ी दार मजूदर थे, जोकि ट्राईसिटी में मजदूरी करके अपना पेट पालते थे। सफर कर रहे ज्यादातर लोगों ने बताया कि उनके पास न तो किराए देने के पैसे हैं और न ही खाने पीने के, इसलिए हम अपने घर वापस जा रहे हैं।
यात्रियों की मेडिकल स्कैनिंग
ट्रेन में बिठाने से पहले इन सभी यात्रियों की मेडिकल स्कैनिंग की गई। इन सभी यात्रियों को पहले सेक्टर -43 के बस स्टैंड पर इकट्ठा किया गया और वहां पर पूरी तरह से मेडिकल जांच के बाद 22 बसों की मदद से इन्हें रेलवे स्टेशन पर रवाना किया गया। जहां प्रशासन की तरफ से उन्हें पानी की बोतलें और फूड पैकेट दिए गए।
कई और ट्रेनें चलेंगी
चंडीगढ़ से किशनगंज के लिए 11 मई को, भागलपुर को 12 मई को, पुरेना को 13 मई को, सीतामढ़ी को 14 मई, मधुबनी के लिए 15 अप्रैल को, सहरसा को 16 अप्रैल को बारूनी (बेगुसराय) के लिए ट्रेन जाएगी। इन ट्रेनों में 1188 यात्रियों को रवाना किया जाएगा।
सियासी फायदा लेने के लिए पहुंच गए नेता
कोरोना संकट के बीच मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए प्रशासन जहां जुटा हुआ था, वहीं इस दौरान सियासी फायदा लेने के लिए भाजपा और कांग्रेस के नेता भी पहुंच गए। क्रैडिट वार के चलते जब ये लोग एक-दूसरे के सामने आए तो कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। बी.जे.पी. की तरफ से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद, पार्षद शतिदेवशाली और सरपंच गुरप्रीत सिंह हैप्पी मौजूद थे। वहीं, कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा, पार्टी महासचिव शशिशंकर तिवारी और यादवेंद्रर महेता मेहता मौजूद थे। मामला बढ़ा तो पुलिस ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को रेलवे स्टेशन से बाहर कर दिया।