संस्कार के लिए जाना पड़ता है कई किलोमीटर दूर, प्रशासन बेपरवाह, लोग मजबूर

Edited By ,Updated: 29 Jul, 2016 02:45 PM

for cremation people travel many kilometer

करीब 2 वर्ष तक प्रशासन और मंत्रियों के चक्कर काटने पर भी जब श्मशान भूमि का कुछ नहीं बना तो हम स्थानीय लोगों ने खुद पैसा इकट्ठा कर 2013 में श्मशानघाट का काम शुरू दिया।

 पिंजौर (रावत): गांव रामपुर सियूड़ी और ब्लॉक के गांव शाहपुर में लोगों को श्मशान की भूमि उपलब्ध न होने पर लोगों को संस्कार करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गांव रामपुर सियूड़ी निवासी सतीश कुमार, रामपाल भगत सिंह राजिंद्र रामप्रसाद, लाखन, नीलम, ज्ञानोदेवी, वीना आदि ने बताया कि करीब छ: साल पहले एक श्मशान भूमि हुआ करती थी लेकिन वर्ष 2010 में घग्गर नदी सारी भूमि बह गई।

करीब 2 वर्ष तक प्रशासन और मंत्रियों के चक्कर काटने पर भी जब श्मशान भूमि का कुछ नहीं बना तो हम स्थानीय लोगों ने खुद पैसा इकट्ठा कर 2013 में श्मशानघाट का काम शुरू दिया। लेकिन जून 2013 शैड बह गया। वहीं लोगों का कहना है कि संस्कार करने के लिए करीब दो किलोमीटर गांव रज्जीपुर में जाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि करीब 6 साल से भी ऊपर समय हो जाने पर भी अभी प्रशासन ने इस और ध्यान नहीं दिया। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव में कही और श्मशानघाट के लिए जगह दी जाए। वहीं वार्ड 6 की पार्षद सीमा देवी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक साल पहले महादेव कालोनी के श्मशानघाट भूमि के लिए करीब 9 लाख 34 हजार का टैंडर जगराम ठेकेदार और रामपुर सियूड़ी गांव के श्मशानघाट का 7 लाख 52 हजार का ठेकेदार गुलशन को ठेका दिया था लेकिन इतना समय बीत जाने पर काम शुरू नहीं हुआ।

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