चेक बाउंस का मामला, कंपनी को चुकाने होंगे 95.46 लाख

Edited By ,Updated: 01 Mar, 2016 12:56 PM

fraud check bounce 95 46 lakh

दिल्ली की रायडर मैटिक बिवल गियर्स प्रा.लि. के डायरैक्टर एस.के. कुकरेजा को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने चैक बाऊंस से जुड़े 7 मामलों में दोषी पाते हुए प्रत्येक केस में 1-1 साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं इन केसों में कंपनसेशन अमाऊंट के तौर पर कुल 95.46 लाख रुपए...

चंडीगढ़, (बृजेन्द्र गौड़): दिल्ली की रायडर मैटिक बिवल गियर्स प्रा.लि. के डायरैक्टर एस.के. कुकरेजा को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने चैक बाऊंस से जुड़े 7 मामलों में दोषी पाते हुए प्रत्येक केस में 1-1 साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं इन केसों में कंपनसेशन अमाऊंट के तौर पर (चैक बाऊंस रकम) कुल 95.46 लाख रुपए चुकाने के आदेश दिए हैं। इनमें 25-25 लाख के 3 केस, 5-5 लाख के 3 केस और 5.46 लाख का एक केस शामिल है। सह आरोपियों के रूप में कुकरेजा की पत्नी ज्योति कुकरेजा और पवन चावला पी.ओ. हैं। केस में हिम टैक्नोफार्ज लिमिटेड कंपनी की तरफ से इसके मैनेजर सर्बजीत सिंह शिकायतकत्र्ता थे। उन्होंने दिल्ली की रायडर मैटिक बिवल गियर्स प्रा. लि. को इसके डायरैक्टर्स ज्योति कुकरेजा, एस.के. कुकरेजा व पवन कुमार चावला को पार्टी बनाया था। संबंधित क्रिमिनल कम्पलेंट वर्ष 2012 में दायर की गई थी। शिकायतकर्ता की तरफ से केस की पैरवी एडवोकेट हरीश भारद्वाज कर रहे थे।  

ये है पूरा मामला : शिकायत के मुताबिक प्रतिवादी कंपनी के डायरैक्टर्स ने खुद को मलेशिया में एक फार्जिंग प्लांट का मालिक बताया और प्लांट शिकायतकर्ता को खरीदने को कहा जिसका सौदा 10.75 करोड़ में हुआ। दोनों आरोपियों के रूप में एस.के. कुकरेजा व ज्योति कुकरेजा ने 18 जून, 2008 को एक एम.ओ.यू. साइन कर शिकायतकर्ता से 1 करोड़ हासिल किए। शिकायतकर्ता को पता चला कि दोनों आरोपियों ने प्लांट की मुख्य मशीनें और महत्वपूर्ण पार्ट्स किसी अन्य कंपनी को बेच दिए। शिकायतकर्ता को हैरानी हुई कि वह प्लांट आरोपियों ने किसी अन्य को बेच दिया जिसके लिए उससे 1 करोड़ लिए थे। दोनों आरोपियों ने शर्मिंदा होते हुए शिकायतकर्ता को प्लांट में बचे उपकरणों/मशीनरी समेत अन्य औजार उसे बेचने के लिए ऑफर दिया जिसकी कीमत 2.75 करोड़ बताई गई। इसके बाद एक और एम.ओ.यू. साइन हुआ। शिकायतकर्ता को पता चला कि जो मशीनरी व अन्य सामान उसे बेचा है वह बैंक  में गिरवी है। डी.बी.आर.टी. के आदेशों पर वह प्रॉपर्टी अटैच कर दी थी। ऐसे में शिकायतकर्ता ने खुद को ठगा महसूस किया। आरोपियों ने शिकायतकर्ता को उसकी रकम लौटाने का आश्वासन दिया मगर संबंधित रकम को लेकर जारी चैक बैंक में डिसऑनर हो  गए। थाना-26 में शिकायतकर्ता ने 6 अगस्त, 2011 को धोखाधड़ी व  साजिश रचने की धाराओं में केस भी दर्ज करवाया था। कई चैक बाऊंस होने पर शिकायतकर्ता ने आरोपी पक्ष के खिलाफ चैक बाऊंस की कई शिकायतें दर्ज करवाई थीं। ज्योति कुकरेजा व एस.के. कुकरेजा को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पार्टियों के कॉमन फ्रैंड्स और रिलेटिव्स की पहल के बाद एक कम्प्रोमाइज डीड 8 अगस्त, 2011 को हुई जिसमें आरोपी पार्टी 1.25 करोड़ देने को राजी हो गई। इसके तहत 25-25 लाख की पेमैंट कर दी थी जबकि बाकी रकम को लेकर जारी अन्य चैक बाऊंस हो गए थे। 

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