हाऊसिंग बोर्ड का कारनामा : ग्राऊंड रैंट जमा करवाया, फिर भी डिफाल्टरों की सूची में नाम

Edited By bhavita joshi,Updated: 17 Jun, 2019 11:48 AM

housing board

चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के ग्राऊंड रैंट का रिकार्ड मैंटेन न होने के चलते अलॉटियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

चंडीगढ़(राजिंद्र शर्मा): चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के ग्राऊंड रैंट का रिकार्ड मैंटेन न होने के चलते अलॉटियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि बोर्ड ने हाल ही में उन डिफाल्टरों की लिस्ट जारी की है, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में ग्राऊंड रैंट जमा नहीं करवाया है। बोर्ड ने इस लिस्ट में उन अलॉटियों को भी  शामिल कर लिया है, जो पहले ही रैंट जमा करवा चुके हैं। बोर्ड अपना रिकार्ड चैक नहीं कर रहा है, बल्कि अलॉटियों को रैंट जमा करवाने की स्लिप लाने के लिए बोल रहा है। 

इस कारण अलॉटियों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास पुरानी स्लिप मौजूद न होने के चलते उन्हें बार-बार बोर्ड कार्यालय के चक्कर  लगाने पड़ रहे हैं और उनका नाम डिफाल्टरों की सूची से बाहर नहीं हो रहा है। बोर्ड ने अलग-अलग स्कीम के तहत अलॉट किए गए फ्लैट्स का ग्राऊंड रैंट जमा न करवाने वाले अलॉटियों के खिलाफ पिछले सप्ताह ही कार्रवाई की थी। 

बोर्ड ने 3808 अलॉटियों की लिस्ट जारी की थी, जिन्होंने अभी तक बोर्ड को ग्राऊंड रैंट जमा नहीं करवाया। बोर्ड इन अलॉटियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रहा है और बकाया रैंट न क्लीयर करने पर पैनल्टी और अलॉटमैंट कैंसिल करने की चेतावनी दी जा रही है। सी.एच.बी. के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर यशपाल गर्ग ने बताया कि इस मामले को चैक किया जाएगा। अलॉटियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि उनके पास जितनी स्लिप पड़ी हैं, वह जमा करवाएं, ताकि इस संबंध में रिकार्ड मैंटेन हो सकें। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

आर.डब्ल्यू.ए. का दावा: 90 प्रतिशत ने जमा करवाया रैंट  
रैजीडैंट वैलफेयर एसोसिएशन टू.बी.एच.के. सैक्टर-63 के वाइस प्रैजीडैंट विरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि अगर उनके सैक्टर की बात की जाए तो यहां पर 90 प्रतिशत लोगों ने ग्राऊंड रैंट जमा करवाया हुआ है लेकिन बावजूद इसके बोर्ड ने उन्हें डिफाल्टरों की सूची में शामिल किया हुआ है। उन्होंने कहा कि वह खुद भी रैंट जमा करवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड के पास अपना रिकार्ड मैंटेन नहीं है, जिस कारण अलॉटियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य सैक्टरों का भी यही हाल है।

 अलॉटी राजेश कुमार ठाकुर ने बताया कि सितंबर तक ये टैक्स क्लीयर करना होता है। सितम्बर 2018 तक अधिकतम अलॉटी अपना रैंट जमा करवा चुके हैं,  लेकिन बावजूद इसके बोर्ड अपनी गलती के वजह से अलॉटियों को परेशान कर रहा है। रैंट जमा करवाने के बावजूद उनका नाम भी लिस्ट में शामिल किया हुआ है। इसी तरह अलॉटी आरपी शर्मा ने भी बताया कि वह रैंट जमा करवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कई अलॉटियों ने स्लिप रखी है लेकिन कई लोगों पास नहीं है। ऐसे में बोर्ड को अपना रिकार्ड मैंटेन करना चाहिए, इस तरह अलॉटियों को तंग करना गलत है। 

चार सैक्टरों में हैं 3808 डिफाल्टर 
लिस्ट में चार सैक्टरों में कुल 3808 डिफाल्टर शामिल है। सबसे अधिक डिफाल्टर सैक्टर-63 में है। यहां पर कुल 1717 डिफाल्टर है। सैक्टर-47 में 1303 , सैक्टर-45 में 642 और सैक्टर-43 में 146 के करीब डिफाल्टर है। अधिकतम अलॉटी ऐसे हैं, जिन्होंने 20 हजार  से 32 हजार तक की बकाया राशि क्लीयर नहीं की है।  बोर्ड ने डिफाल्टरों की लिस्ट को वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है, ताकि वहां जाकर अलॉटी चैक कर सकें।

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