बुडै़ल जेल का होगा विस्तार, बनेंगे 5 नए बैरक

Edited By Vikash thakur,Updated: 18 Oct, 2021 12:32 AM

jail will be expanded

5 नए बैरक बनाए जाने की तैयारी चल रही है

चंडीगढ़, (संदीप कुमार): 49 साल पुरानी मॉडल जेल बुडै़ल में कैदियों के रखे जाने की कैपेस्टी को बढ़ाए जाने के लिए प्रशासन की तरफ से यहां 5 नए बैरक बनाए जाने की तैयारी चल रही है। पिछले काफी समय से जेल में कैदियों को रखे जाने की क्षमता को बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है। मॉडल जेल में जहां 1120 कैदियों को रखने की क्षमता है, वहीं नए तैयार किए जाने वाले बैरक में 376 कैदियों को रखने की क्षमता होगी।

 

इसमें 70-70 कैदियों के लिए 5 बैरक होंगे। इसके अलावा हार्डकोर कैदियों के लिए एक अलग से बैरक भी होगा, जिसमें करीब 26 कैदियों को रखने की क्षमता होगी। 1972 में बनाई गई इस जेल को नए बैरक बनाए जाने के साथ-साथ यहां बैरक के आकार को बदल कर इन्हें विदेशों की तर्ज पर बेहतरीन बनाया जाएगा। जेल प्रबंधन की तरफ से जेल की रैनोवेशन को लेकर प्रशासन को प्रस्ताव भेजे जाते रहे हैं, जिसके तहत ही जेल में कैदियों को रखने की क्षमता को बढ़ाए जाने के लिए ही यहां नए बैरक बनाए जाने की योजना है। 

 


1120 से बढ़कर 1496 हो जाएगी कैदियों की रखे जाने की क्षमता 
जानकारी के अनुसार बुड़ैल जेल में अभी करीब 17 बैरक हैं, जिनमें करीब 1120 कैदियों को रखे जाने की क्षमता है, लेकिन अब जेल में नए 5 बैरक बनाए जाने से यहां कैदियों को रखे जाने की क्षमता करीब 1496 हो जाएगी। जेल की क्षमता बढ़ाए जाने की जरूरत पिछले कई सालों से महसूस की जा रही है। जिसके तहत जब जेल में नए बैरक बनाए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो बुडै़ल जेल में बैरक 1972 में जब इस जेल का निर्माण किया गया था तब के हिसाब से ही लंबे आकार में बनाए गए हैं। जिसके चलते यहां काफी अधिक संख्या में कैदियों को एक साथ रखा जाता है। इस कारण कैदियों के आपस में उलझने की वारदातें भी सामने आती रहती हैं। नई योजना के तहत इन लंबे व पुराने जमाने के बैरक को अब छोटे आकार में बदल कर उन्हें आधुनिक व जरूरी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। जिससे कैदी यहां बिना किसी लड़ाई-झगड़े के रह सकें। 

 


49 साल पुरानी है बुडै़ल जेल 
जेल प्रबधंन की मानें तो बुडै़ल जेल का निर्माण वर्ष 1972 में किया गया था। उस समय इस जेल को सब जेल कहा जाता था। जेल को वर्ष 1975 में जिला जेल घोषित किया गया था। समय के साथ जेल में जरूरी बदलाव किए जाते रहे हैं। इन बदलावों के तहत ही जेल को वर्ष 1990 में बुडै़ल मार्डन जेल घोषित किया गया था। जिसके बाद से जेल में समय-समय पर जरूरी बदलाव होते रहे हैं। 


महिला कैदियों के लिए तैयार की गई है 150 की क्षमता वाली नई इमारत 
बुडै़ल मॉर्डन जेल में लगातार बढ़ रही कैदियों की संख्या को देखते हुए कुछ साल पहले यहां महिला कैदियों के रखने के लिए एक नई इमारत का निर्माण किया गया है। जिसमें करीब 150 महिला कैदियों को रखे जाने की क्षमता है। नई इमारत में महिला कैदी के साथ रहने वाले उसके 6 वर्ष से छोटी उम्र के बच्चों को रखे जाने उनके खेलने के लिए सभी तरह की सुविधाओं का निर्माण भी किए जाने की योजना है। 

 


जेल ब्रेक केस के चलते देश भर में सुॢखयों में रही है बुडै़ल जेल 
वर्ष, 2004 में बुडै़ल जेल ब्रेक केस हो जाने से बुडै़ल जेल देश भर में सुॢखयों में रही है। इस मामले के तहत पंजाब के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में पकड़े गए जगतार सिंह हवारा, जगतार सिंह तारा, परमजीत सिंह भ्यौरा व उनके कुछ अन्य साथी बुडै़ल जेल में 90 फुट लम्बी सुरंग बनाकर यहां से फरार हो गए थे।
 

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