2037 में शुरू हो जाएगी डेरामुखी की उम्रकैद

Edited By Priyanka rana,Updated: 18 Jan, 2019 01:12 PM

life prison

दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को पंचकूला स्थित सी.बी.आई. की विशेष अदालत ने 25 अगस्त 2017 को 10-10 साल कैद की सजा।

पंचकूला(मुकेश) : दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को पंचकूला स्थित सी.बी.आई. की विशेष अदालत ने 25 अगस्त 2017 को 10-10 साल कैद की सजा। डेरा मुखी की यह सजा अगस्त 2037 में खत्म होगी। इसके साथ ही छत्रपति हत्याकांड में सुनाई गई उम्रकैद की सजा शुरू हो जाएगी, जो कि जेल में उनकी अंतिम सांस तक चलेगी। 

सी.बी.आई. के वकील एच.पी.एस. वर्मा ने बताया कि गुरमीत राम रहीम की उम्रकैद की सजा पहले से चल रही 20 साल की सजा पूरी होने के बाद ही शुरू होगी। वर्मा ने छत्रपति हत्याकांड में डेरा मुखी समेत चारों आरोपियों को सी.बी.आई. अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद कहा कि अपने दुष्कर्मों को छिपाने के लिए एक के बाद एक संगीन अपराध को अंजाम देने वाला गुरमीत राम रहीम भी अंजाम तक पहुंच गया है। 

गुरमीत राम रहीम ने साध्वियों के यौन शोषण का खुलासा होने पर अपने गुनाहों को छिपाने के लिए एक के बाद एक बड़ी आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया था लेकिन आखिरकार कानून ने गुरमीत राम रहीम का बुरा हश्र कर दिया है। उन्होंने कहा कि साध्वी यौन शोषण मामले में 10-10 साल कैद की सजा भुगत रहे गुरमीत राम रहीम को अब ताउम्र जेल की सलाखों के पीछे ही रहना होगा। 

सी.बी.आई. के अधिवक्ता के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की फुल बैंच की रूलिंग के तहत डेरा मुखी समेत चारों दोषियों को सारी उम्र जेल में रहना होगा। सी.बी.आई. की तरफ से 46 और बचाव पक्ष की तरफ से 21 गवाहों के हुए थे बयान दर्ज रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में सी.बी.आई. ने कुल 46 गवाह कोर्ट में पेश किए थे, जबकि गुरमीत राम रहीम की तरफ से 21 गवाहों ने कोर्ट में अपने बयान दर्ज करवाए थे। 

इस 16 साल पुराने मुकदमे को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाने के लिए रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने लंबी लड़ाई लड़ी। आज दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद अंशुल छत्रपति ने संतोष जाहिर किया और कहा कि उनके लिए सी.बी.आई. कोर्ट के जज किसी भगवान से कम नहीं हैं, जिन्होंने 16 साल बाद उन्हें इंसाफ दिलाने का काम किया।

एक बार मुकर गया था खट्टा सिंह :
खट्टा सिंह एक बार अपने बयान से मुकर गया था। राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में सजा होने के बाद एक बार फिर खट्टा सिंह सामने आया। उसने सी.बी.आई. कोर्ट में अपने बयान दर्ज करवाए और अपना पुराना बयान दोहराया। 

खट्टा सिंह ने कहा था कि वर्ष 2012 से 2018 तक वह डेरा प्रमुख के खिलाफ इसलिए सामने नहीं आया था, क्योंकि डेरा प्रमुख खुलेआम घूम रहा था। उसके परिवार को जान का खतरा बना हुआ था। खट्टा सिंह ने सी.बी.आई. अदालत में बताया था कि यदि वह डेरा प्रमुख के खिलाफ पहले बयान दे देता तो उसे और उसके बेटे को डेरा प्रमुख जान से मरवा सकता था। इसकी मुझे धमकियां मिली थीं। 

छत्रपति हत्याकांड में अब तक का घटनाक्रम :
-पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार ‘पूरा सच’ में 30 मई 2002 को धर्म के नाम पर किया जा रहा है साध्वियों का जीवन बर्बाद शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया।
-24 अक्तूबर 2002 को डेरा में कारपेंटर का काम करने वाले दो युवकों ने रामचंद्र छत्रपति को उनके घर के बाहर गोली मारी। एक पकड़ लिया गया। शहर थाने में केस दर्ज।
-24 अक्तूबर 2002 को एस.आई. ने बयान दर्ज किए, लेकिन डेरा प्रमुख का नाम नहीं लिखा।
-29 अक्तूूबर 2002 को किशन लाल ने सी.जे.एम. फिरोजपुर की कोर्ट में सरैंडर किया।
-छत्रपति का 8 नवम्बर 2002 तक पी.जी.आई. रोहतक में इलाज चला। इसके बाद अपोलो अस्पताल भेज दिया गया।
-नवम्बर 2002 में ही छत्रपति के पिता सोहन राम ने मैजिस्ट्रेट से बयान करवाए जाने की दरखास्त दी।
-21 नवम्बर 2002 को रामचंद्र छत्रपति का देहांत हो गया।
-5 दिसम्बर 2002 को सिरसा पुलिस ने सी.जे.एम. कोर्ट में दायर की चार्जशीट। डेराप्रमुख का नाम नहीं था।
-2003 में अंशुल छत्रपति ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर सी.बी.आई. जांच की मांग की।
-10 नवम्बर 2003 को सी.बी.आई. को केस ट्रांसफर हुआ।
-9 दिसम्बर 2003 को सी.बी.आई. ने शुरू की जांच। सी.बी.आई. ने शहर थाने में एक केस और दर्ज किया, जिसमें डेरा प्रमुख का नाम भी शामिल किया।
-30 जुलाई 2007 को सी.बी.आई. ने पेश किया चालान।
-2 जनवरी 2019 को पंचकूला स्थित सी.बी.आई. की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई पूरी हुई।
-11 जनवरी 2019 को पंचकूला स्थित सी.बी.आई. की विशेष अदालत के जज जगदीप सिंह ने गुरमीत राम रहीम सहित चारों आरोपियों को दोषी करार दिया।
-17 जनवरी 2019 को पंचकूला स्थित सी.बी.आई. की विशेष अदालत के जज जगदीप सिंह ने छत्रपति हत्याकांड में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

कब-कब क्या हुआ :
-सी.बी.आई. कोर्ट के बाहर सुरक्षा बल तैनात किया गया। पूरे पंचकूला में धारा-144 लागू।
-उपद्रव की संभावनाओं को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने डेरे से जुड़े 100 सक्रिय लोगों को ट्रैस करते हुए उन पर नजर बनाए रखी। 
-11.30 बजे सी.बी.आई. की विशेष अदालत के जज जगदीप सिंह भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पहुंचे।
-दोपहर 12.30 बजे दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति अपने परिजनों के साथ अदालत में पहुंचे। 

हनीप्रीत को नहीं भूले डेरामुखी :
जब जज जगदीप सिंह ने डेरामुखी गुरमीत सिंह राम रहीम से उनके परिवार के बारे में पूछा तो उन्होंने अपनी तीन बेटियों में हनीप्रीत को भी शामिल किया। डेरामुखी ने कहा कि परिवार के अलावा उनके लाखों अनुयायी हैं और वह डेरे के जरिए समाज की भलाई के लिए काम करते रहे हैं। बताया गया कि बहस के दौरान एक बार डेरामुखी बैठ गए थे, जिस पर जज ने उन्हें खड़े होकर बात करने को कहा। 

कौन हैं जज जगदीप : 
जगदीप सिंह वही जज हैं जिन्होंने दो साध्वियों के यौन शौषण के मामले में डेरा प्रमुख को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई थी। 


 

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