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मुख्यमंत्री मान ने चमकौर साहिब से की धान खरीद की औपचारिक शुरूआत

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 03 Oct, 2023 07:53 PM

lifting of paddy started from the markets on the first day

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को चमकौर साहिब की अनाज मंडी से राज्य में धान के खरीद कामों की शुरूआत औपचारिक तौर पर की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने खाद्य और सिविल सप्लाइज विभाग को 1 अक्तूबर से शुरू हुए खरीफ मंडीकरण सीजन के दौरान निॢवघ्न खरीद को...

चंडीगढ़,(हरिश्चंद्र): मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को चमकौर साहिब की अनाज मंडी से राज्य में धान के खरीद कामों की शुरूआत औपचारिक तौर पर की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने खाद्य और सिविल सप्लाइज विभाग को 1 अक्तूबर से शुरू हुए खरीफ मंडीकरण सीजन के दौरान निॢवघ्न खरीद को यकीनी बनाने के आदेश दिए। किसानों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध हैं और इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि धान खरीद के पहले दिन ही फसल की लिङ्क्षफ्टग शुरू हो चुकी है जो अपने आप में रिकॉर्ड है।’

 

 


मुख्यमंत्री लगातार दूसरे दिन किसी पूर्व मुख्यमंत्री के हलके में गए। गौरतलब है कि चमकौर साहिब चरणजीत सिंह चन्नी का हलका है। बीते कल वह कै. अमरेंद्र सिंह के पटियाला हलके में थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद, लिङ्क्षफ्टग और अदायगी उसी दिन की जाएगी और इस समूची प्रक्रिया को डिजिटल विधि के साथ कार्यशील किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक बटन दबा कर डिजिटल ढंग के साथ भुगतान करने की पहल की शुरूआत करते हुए एक किसान को धान की अदायगी ट्रांसफर की। 
 

 

 

 

अगले सीजन से धान की पूसा-44 किस्म पर पाबंदी 
किसानों को पूसा- 44 और धान की अन्य संबंधित किस्मों की काश्त बंद करने की अपील करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन किस्मों की काश्त बंद की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगले सीजन से इन किस्मों पर पाबंदी लगाने का फैसला पहले ही कर लिया है। पानी की अधिक खपत वाली यह किस्में कटाई के लिए भी अधिक समय लेती हैं और बहुत पराली पैदा करती हैं। उन्होंने कहा कि ट्रकों में जी.पी.एस. जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग से लिङ्क्षफ्टग की समस्या हल हो जाएगी। राज्य सरकार की तरफ से नियमों में ढील देने के बाद 654 नए शैलरों ने अपना काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के मुआवजे का वितरण पहले ही शुरू कर दिया गया है और एक-एक पैसे का नुक्सान राज्य सरकार द्वारा अदा किया जाएगा। बाढ़ के कारण हुए नुक्सान की भरपाई के लिए राज्य सरकार के पास प्रांतीय आपदा राहत फंड में काफी पैसा है।
 

 

 

 

खरीद और लिफ्टिंग के साथ अन्य प्रबंध भी यकीनी बनाएं
मान ने धान के खरीद कामों के लिए नोडल एजैंसी खाद्य और सिविल सप्लाई विभाग को धान की तुरंत और निॢवघ्न खरीद और भंडारण के लिए सभी जरूरी प्रबंधों को यकीनी बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर अदायगी करने के लिए निर्धारित नियमों की सख्ती के साथ पालना को यकीनी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार है कि पंजाब सरकार ने खरीद शुरू होने से पहले धान के सीजन के लिए 37,000 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट (सी.सी.एल.) प्राप्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने धान की खरीद के लिए केंद्र सरकार से सी.सी.एल. के तौर पर 42000 करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसके मुकाबले 37000 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।
 

 

 

 

पराली जलाने की प्रथा को छोड़ें किसान
किसानों को पराली जलाने की प्रथा को छोडऩे की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फसलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए नए खेती यंत्र दिए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पहले ही ईंट भट्टों के लिए पराली ईंधन के साथ-साथ अन्य प्लांटों को किसानों से पराली खरीदने के लिए लाजिमी किया हुआ है। केंद्र सरकार से पराली जलाने की प्रथा को रोकने के लिए किसानों के लिए लाभदायक हल की मांग भी की हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने डी.ए.पी. का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया था और इस पहल से 3 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने भारत सरकार से बासमती के निर्यात के लिए तय कीमत बढ़ाने की मांग की है। यह समय की जरूरत है क्योंकि हमने फसली विभिन्नता को और आगे बढ़ाने का फैसला किया है जिस कारण कीमतों में विस्तार होना लाभदायक साबित होगा। राज्य सरकार के यत्नों स्वरूप बासमती की काश्त अधीन 21 प्रतिशत तक क्षेत्रफल बढ़ा है। 
 

 

 

 

1854 खरीद केंद्र नोटीफाई किए
मान ने बताया कि भारत सरकार ने खरीफ मंडीकरण सीजन, 2023-24 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2203 रुपए प्रति किं्वटल तय किया है। राज्य की 4 खरीद एजैंसियां पनग्रेन, मार्कफैड, पनसप और पंजाब स्टेट वेयरहाऊस कॉर्पोरेशन, भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के साथ मिलकर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद कर रही हैं। पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा 1854 खरीद केंद्र नोटीफाई करके सरकारी खरीद एजैंसियों को अलॉट किए गए। धान की संभाल के लिए जरूरी बारदाने और तरपालों के जरूरी प्रबंध समय से पहले ही मुकम्मल कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की धरती पर कोई भी माफिया चाहे वह नशा, रेत या जमीन हथियाने वाला हो, उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
 

 

 

 

182.10 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ के सीजन के दौरान राज्य सरकार द्वारा 182.10 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से 173 लाख मीट्रिक टन की खरीद सरकारी एजैंसियां करेंगी। राज्य सरकार के पास जूट की 4.86 लाख गांठें मौजूद हैं और बाकी का प्रबंध मिल मालिकों की तरफ से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में अनाज लाने वाले किसानों के हितों की रक्षा के लिए बायोमीट्रिक प्रमाणिकता की तकनीक शुरू की गई है। अनाज की लिङ्क्षफ्टग में पारदॢशता लाने के लिए वाहनों को ऑनलाइन गेट पास जारी किए जाएंगे। 2 अक्तूबर तक मंडियों में 68000 मीट्रिक टन धान की आमद हुई है जो पिछले साल की अपेक्षा 48 प्रतिशत अधिक है। इस मौके पर खाद्य और सिविल सप्लाई मंत्री लाल चंद कटारूचक्क और अन्य उपस्थित थे। 

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