आंखें मूंदे बैठा निगम, बिना अनुमति होटल्स के बाहर लग रहे टैंट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 11:13 AM

municipal corporation

होटल्स के बाहर सरकारी जमीन पर बिना निगम की इजाजत कब्जा कर विवाह व अन्य समारोह की बुकिंग कर लाखों कमाने वालों पर निगम आंखें मूंदे बैठा है जबकि किसी मार्कीट या सड़क किनारे रेहड़ी फड़ी लगाने पर तुरंत कार्रवाई कर दी जाती है।

चंडीगढ़(राय) : होटल्स के बाहर सरकारी जमीन पर बिना निगम की इजाजत कब्जा कर विवाह व अन्य समारोह की बुकिंग कर लाखों कमाने वालों पर निगम आंखें मूंदे बैठा है जबकि किसी मार्कीट या सड़क किनारे रेहड़ी फड़ी लगाने पर तुरंत कार्रवाई कर दी जाती है। निगम के इस दोगले रवैये से न सिर्फ निगम को लाखों के राजस्व का नुक्सान हो रहा बल्कि जमीनों पर अतिक्रम भी बढ़ रहा है। शहर के एक नामी होटल के बाहर निगम की बिना अनुमति टैंट लगाने का ऐसा ही मामला सामने आया है। 

 

औद्योगिक क्षेत्र स्थित नामी होटल के बाहर टैंट लगाकर पार्टी की जा रही थी, जिसकी निगम को जानकारी नहीं थीं। हालांकि ऐसे टैंट लगाने के लिए निगम को फीस देकर अनुमति लेनी होती है। इसके लिए निगम ने साईट के साइज के हिसाब से फीस निर्धारित की है। इसके बाद भी निगम द्वारा इन पर सख्ती न दिखाए जाने से कई जगह ऐसे टैंट लगे आम देखे जा सकते हैं। टैंट लगा कर उसमें पार्टियां करने के अधिकतर मामले रात के वक्त ही होते हैं, जिन पर निगम का ध्यान कभी नहीं। 

 

ईटिंग ज्वाइंट्स का भी ऐसा ही हाल :
ऐसे ही अब नगर निगम से अनुमति लिए बिना शहर के सैंकड़ों ईटिंग ज्वाइंट्स के बाहर कुर्सियां-टेबल लगा कर लोगों को खाने-पीने की चीजें परोसी जा रही है, लेकिन निगम इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा। कुछ समय पहले निगम ने एक विशेष टीम बनाई थी जो उन ईटिंग प्वाइंट्स के चालान करने के लिए बनी थी, जिन्होंने निगम से अनुमति लिए बिना टेबल-कुर्सियां लगाई है। टीम भी इन पर रोक लगा पाने में असफल रही है। 

 

पहले निगम के पास यह ईटिंग जॉइंट्स वाले शाम के समय ग्राहकों को खाने-पीने की चीजें परोसने के लिए कुर्सियां-टेबल लगाने की अनुमति लेने आते थे और निगम उनसे इसके बदले फीस ले कर उन्हें अनुमति देता था लेकिन जब से शहर मैं स्ट्रीट वैंडर एक्ट आया है तभी से कोई भी ईटिंग ज्वाइंट वाला इसकी अनुमति निगम से लिए बिना यह काम करने मैं लगे थे, जिससे एक तो सरकारी भूमि पर अतिक्रमण होता था दूसरा निगम को रैवेन्यु भी नहीं आता था। 

 

इन्फोर्समैंट विभाग इसे हटाने में हुआ नाकाम साबित :
जानकारी के अनुसार निगम बूथ के बाहर कुर्सियां-टेबल लगाने के 3000 रुपए और शोरूम के आगे के 7000 प्रतिमाह के हिसाब से फीस लेता है। शहर में सैंकड़ों ईटिंग ज्वाइंट्स हैं, लेकिन हैरानी की बात है की निगम के पास अभी केवल 7-8 ईटिंग ज्वाइंट्स वालों ने ही इसकी अनुमति ले रखी है। निगम, इन्हें शाम 8 से 10.15 बजे तक के लिए अनुमति देता है। ऐसे ईटिंग ज्वाइंट्स के चालान करने का काम पहले इन्फोर्समैंट विभाग के पास था लेकिन इन्फोर्समैंट की टीम इन्हें हटा पाने में नाकाम साबित हुई।

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