नीट में पिछड़े ट्राईसिटी के स्टूडैंट्स

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jun, 2017 12:05 PM

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड  (सी.बी.एस.ई.) की तरफ से शुक्रवार को नैशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टैस्ट (नीट) यू.जी. 2017 का परिणाम घोषित कर दिया गया।

चंडीगढ़(रोहिला) : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड  (सी.बी.एस.ई.) की तरफ से शुक्रवार को नैशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टैस्ट (नीट) यू.जी. 2017 का परिणाम घोषित कर दिया गया। हालांकि इस बार ट्राईसिटी के छात्र इस परीक्षा में टॉप 200 में भी जगह नहीं बना सके। इस परीक्षा में नवदीप सिंह जो ऑल इंडिया टॉपर जो पंजाब के मुक्तसर से हैं वह चंडीगढ़ के सैक्टर-34 स्थित हैलिक्स इंस्टीच्यूट के छात्र हैं। नवदीप ने 99.99 फीसदी अंक हासिल किए हैं और परीक्षा में 700 में से 697 अंक पाए हैं। हर परीक्षा में टॉप आने वाले ट्राईसिटी के छात्र इस बार नीट परीक्षा में सभी राज्यों से पिछड़ गए। इस साल नीट परीक्षा में कुल 25 हजार छात्र बैठे जिनमें से 300 छात्र पास हुए। 

 

ट्राई सिटी से टॉप नवतेज सिंह ने किया है। इनका ए.आई.आर. 230वां रैंक रहै। दूसरे स्थान पर रिद्धिम ने ए.आई.आर. 283वां रैंक, अंकुश जिंदल 412, महक मल्होत्रा 498वां, गुरेसिस सोढ़ी 732वां,अंकित ने 733वां, गायत्री लाल ने 740वां रैंक पाया है। इस परीक्षा में पास होने के बाद एम.बी.बी.एस. और बी.डी.एस. के लिए एडमिशन होगा। एम.बी.बी.एस. के लिए देशभर में 65 हजार और बी.डी.एस. के लिए 25 हजार सीटें है। इसमें से एम.बी.बी.एस. की 100 सीटें मैडीकल कॉलेज सैक्टर-32 में हैं। बी.डी.एस. के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में 100 सीटें है। 

 

टॉपर नवदीप को दिया 33 लाख का चैक :
टॉपर नवदीप ने हैल्किस से कोचिंग ली थी, जिसके चलते हैल्किस ने अपनी तरफ से नवदीप को प्रोत्साहन पुरस्कार के तौर पर 33 लाख रुपए का चैक भेंट किया है। जानकारी के अनुसार हेल्किस द्वारा नवदीप को वैसे तो आई.टैन कार और 25 लाख रुपए की राशि भेंट की जा रही थी लेकिन नवदीप ने कार लेने से मना कर दिया तो हैल्किस ने 25 की बजाय 33 लाख रुपए नवदीप को दिए। 

 

नवतेज सिंह बने ट्राईसिटी टॉपर :
चंडीगढ़ के नवतेज सिंह ने फिर ट्राईसिटी में टॉप किया है। नवतेज ने नीट एग्जाम में ऑलओवर इंडिया में 230 रैंक हासिल किया है। नवतेज ने बताया कि  उन्होंने अपने ताऊ से इंस्पायर होकर इस लाइन को चुना है। उनके ताऊ कैनेडा में डॉक्टर हैं। नवतेज के अनुसार वह दिन में स्कूल व कोंचिंग सैंटर के बाद 7 से 8 घंटे सैल्फ स्टडी करते थे तभी जाकर ही यह संभव हो पाया। मैंने 11वीं में इतनी मेहनत नहीं कि लेकिन 12वीं में कड़ी मेहनत की। फिलहाल मैं अभी दिल्ली एम्स में एडमिशन लेना चाहता हूं और कार्डियोलोजिस्ट बनना चाहता हूं। नवतेज के पिता एन.एस मंगत आर्मी में कर्नल है। मां तेजिंद्र मंगत सैक्टर-41बी स्थित एक्सिपस स्कूल में टीचर हैं। नवतेज सैक्टर-26 स्थित सेंट जॉन हाई स्कूल में पढ़ा है। कोचिंग ऐलन इंस्टीटयूट से ली है। 

 

दो साल घर वालों से दूर :
डॉक्टर बनने का सपना बचपन से था। दसवीं में पहुंचने पर बॉयो पढऩे में रूझान होने लगा। पिता ने कोचिंग के लिए चंडीगढ़ भेज दिया। लगातार दो साल कोचिंग लेने के बाद पहली बार परीक्षा दी और उसमें पहला रैंक पाया। यह कहना है टॉपर नवदीप सिंह का। नवदीप ने शहर के कोचिंग सैंटर से दो साल कोचिंग ली है। 

 

नवदीप के मुताबिक भविष्य में वह कैंसर पर रिसर्च करना चाहता है और कैंसर मरीजों की ही सेवा करना चाहता है। नवदीप के पिता गोपाल सिंह ने कहा कि वह एक सरकारी स्कूल प्रिंसिपल है। उनकी हमेशा कोशिश रही है कि उनके बेटे की हर इच्छा पूरी हो। मां सिमरजीत कौर एल.आई.सी. में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि वह बेटे को दिल्ली के मौलाना आजाद मैडीकल कॉलेज से एम.बी.बी.एस. करने भेजेंगे। 

 

अंकुश ने पाया 412वां रैंक :
अंकुश जिंदल ने नीट एग्जाम में ट्राईसिटी में 412 रैंक हासिल कर ट्राईसिटी में तीसरा स्थान हासिल किया है। अंकुश सैक्टर-44 स्थित ब्रिटिश स्कूल के छात्र रह चुके हैं व कोचिंग ऐलन इंस्टीटयूट से ली है। अंकुश मोहाली सैक्टर-69 के रहने वाले हैं। अंकुश के पिता अनुपम जिंदल न्यूरो सर्जन हैं। मां मनीषी जिंदल भी डॉक्टर हैं। अंकुश ने बताया कि वे एग्जाम के दिनों मं 7 से 8 घंटे पढ़ते थे। 

 

चंडीगढ़ टॉपर बना भूपिन ठक्कर :
भूपिन ठक्कर ने नीट में ऑल इंडिया लैवल पर 61वां रैंक पाया है। भूपिन के पिता वेद प्रकाश डैल कंपनी में काम करते हैं। माता कृष्णा देवी गृहिणी हैं। पिता का सपना था कि घर से कोई एक मैडीकल क्षेत्र में जाए। गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल मनीमाजरा में पढऩे के साथ शाम को दो घंटे पंचकूला के कोचिंग सैंटर में जाता था। भूपिन का कहना मैडीकल में प्रवेश पाने के लिए कड़ी मेहनत की है। 

 

रिद्धिम डूंगरा दूसरे टॉपर :
नीट एग्जाम ट्राईसिटी का दूसरा टॉपर भी ऐलन का है। रिद्धिम मोहाली सैक्टर-80 की रहने वाला है। रिद्धिम ने बताया कि उन्होंने एम्स में ऑल ओवर इंडिया 259 रैंक पाया था। मोहाली के संत ईशर सिंह पब्लिक स्कूल से की है। रिद्धिम ने बताया कि वह रोज 5 से 6 घंटे स्टडी करता था। रिद्धिम न्यूरो सर्जन बनना चाहते हैं। फिलहाल अभी वह एम.बी.बी.एस के लिए दिल्ली के वर्धमान  महावीर मैडीकल कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं। रिद्धिम के पिता रवि डूंगरा भी पंजाब के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं। मां रंजना डूंगरा भी मोहाली में डॉक्टर हैं। 
 

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