अब ऑनलाइन आर्डर कर सकते हैं, कैदियों के के हाथ का खाना, फ्री होगी होम डिलीवरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Apr, 2018 08:20 PM

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जेल के अंदर कैदी कैसी जिंदगी गुजारते हैं और उनका रूटीन क्या होता है अब इसकी जानकारी लोगों को वैबसाइट के माध्यम से मिल जाएगी।

चंडीगढ़ (विजय) : जेल के अंदर कैदी कैसी जिंदगी गुजारते हैं और उनका रूटीन क्या होता है अब इसकी जानकारी लोगों को वैबसाइट के माध्यम से मिल जाएगी। सबसे खास बात यह है कि अब जेल में बनने वाले खाने का लुत्फ भी ट्राईसिटी के रेजीडैंट्स उठा सकेंगे। ट्राईसिटी से कहीं भी अगर 2000 रुपए से अधिक का खाने का ऑर्डर दिया जाता है तो होम डिलीवरी फ्री होगी। 

 

शुक्रवार को चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने यू.टी. सचिवालय में डिपार्टमैंट ऑफ प्रिजंस एंड करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन की वैबसाइट को लॉन्च किया। लोग इसी वैबसाइट में आर्डर देकर अपने घर में जेल में बना हुआ खाना मंगा सकेंगे। इसके साथ ही कैदियों द्वारा तैयार किए गए अन्य सामान भी इस वैबसाइट में ऑर्डर करके मंगाए जा सकते हैं। 

 

खाने का बिल अगर 2000 रुपए से कम आता है तो उस पर 100 रुपए चार्ज लिया जाएगा। इसी तरह कैदियों द्वारा तैयार किए गए फर्नीचर की कीमत अगर 5000 से अधिक होती है तो होम डिलीवरी फ्री होगी नहीं तो 500 रुपए अतिरिक्त चार्ज लिए जाएंगे। 

 

अधिकारियों ने बताया कि जो भी प्रोडक्ट वैबसाइट में बताए गए हैं उनकी कीमत मार्कीट में मिलने वाले प्रोडक्ट्स की तुलना में काफी कम है। इस मौके पर चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार परिमल राय, गृह सचिव अनुराग अग्रवाल, डी.जी.पी. तेजिंदर सिंह लुथरा, आई.जी. प्रिजंस ओ.पी. मिश्रा और एडीशनल आई.जी. प्रिजंस सतीश कुमार जैन भी मौजूद थे। 

 

कैदियों के बारे में बदलेगी लोगों की धारणा
इस वैबसाइट में कैदियों की वोकेशनल और सुधार संबंधी गतिविधियों को भी शेयर किया जाएगा। ऐसा करने में प्रशासन का मकसद लोगों के दिलों में कैदियों के लिए जो धारणा बन चुकी है उसे बदलना है। 

 

इस वैबसाइट में डिपार्टमैंट ऑफ प्रिजंस एंड कलैक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन के एक्ट और नियम भी मिलेंगे। इसके साथ ही सभी टैंडर भी इस वैबसाइट में ही अपलोड किए जाएंगे। 

 

विजिटिंग का दिन और टाइमिंग भी मिलेगी
विजिटर्स अगर कैदियों को मिलने जा रहे हैं तो वैबसाइट में वे विजिटिंग का समय और तारीख की जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही डॉक्यूमैंट्री प्रूफ भी ऑनलाइन मिल सकेंगे। 

 

अधिकारियों ने बताया कि मार्कीटिंग और सेलिंग प्रोडक्ट के क्षेत्र में यह वैबसाइट अग्रणी बन रही है। डिपार्टमैंट की ओर से कहा गया है कि जेल प्रोडक्ट्स की सेल से जो भी प्रॉफिट मिलेगा उसे कैदियों के पुनर्वास पर खर्च किया जाएगा। 


 

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