Edited By Priyanka rana,Updated: 24 Feb, 2020 11:41 AM
शहर के बच्चों को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए पूर्व मेयर देवेश मोदिगल ने शहर के 100 ओपन स्पेस पार्कों को प्ले ग्राउंड में तब्दील करने का फैसला किया था।
चंडीगढ़(लल्लन) : शहर के बच्चों को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए पूर्व मेयर देवेश मोदिगल ने शहर के 100 ओपन स्पेस पार्कों को प्ले ग्राउंड में तब्दील करने का फैसला किया था।
अपने कार्यकाल के दौरान ही मोदगिल ने जाते-जाते सैक्टर-36 में एक ओपन स्पेस पार्क को तो प्ले ग्राउंड में तब्दील भी कर दिया, लेकिन उनके जाने के बाद न तो आने वाले मेयर ने इस तरफ ध्यान दिया और न ही अधिकारियों ने इस प्रपोजल को आगे बढ़ाने पर विचार किया।
ऐसे में पार्कों को निगम की ओर से ग्रीन पार्क में तब्दील करने के कारण स्थानीय बच्चों को खेलने के लिए पार्क नहीं है। यही नहीं इस दिशा में अधिकारी पार्कों को चिन्हित करने की बात करते रहे, लेकिन न तो किसी पार्क में कोई बोर्ड लगा और न ही ओपन स्पेस पार्कों की फैंसिंग की गई।
बच्चों के लिए बनाया था प्रोपोजल :
बच्चों को खेलने के लिए निगम की तरफ से उन सभी 100 ओपन स्पेस पार्कों को चिहिन्त किया गया था। इस योजना के तहत यह भी तय हुआ था कि अब इन पार्कों को बागबानी के हिसाब से डिवैल्प नहीं किया जाएगा। यह पार्क अब प्ले ग्राउंड बनाए जाएंगे। निगम की तरफ से इन पार्कों की फैंंसिंग की जाएगी और इनमें पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन मेयर देवेश मोदगिल के बदलते ही यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।
एक बोर्ड तक नहीं लगा पाया नगर निगम :
वैल्फेयर सोसायटी-15 के प्रेसीडैंट सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि निगम ने सिर्फ कागजों में ही नोटिफिकेशन जारी कर शहर के 100 पार्कों को प्लेग्राउंड में तबदील कर दिया। इन पार्कों में अन्य तरह की सुविधाएं देने की बजाय अगर निगम इनमें एक बोर्ड भी लगा दे, तो भी बड़ी मेहरबानी होगी। उन्होंने बताया कि इन ओपन पार्कों में भी जब बच्चे खेलने जाते हैं तो वहां पर सैर करने वाले लोग उन्हें भागा