'जब काम की सराहना मिलती है तब होती है खुशी'

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Apr, 2018 11:19 AM

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मैंने कभी अवार्ड के लिए काम नहीं किया। लेकिन जब काम को सराहना मिलती है तो यह काफी अच्छा लगता है।

चंडीगढ़(पाल) : मैंने कभी अवार्ड के लिए काम नहीं किया। लेकिन जब काम को सराहना मिलती है तो यह काफी अच्छा लगता है। यह कहना है पी.जी.आई. डायरैक्टर प्रो. जगत राम का जिन्हें अमरीका में प्रतिष्ठित बैस्ट वीडियो अवार्ड से नवाजा गया है। 13 से 17 अप्रैल को अमरीका के वाशिंगटन डी.सी. में आयोजित अमरीकी सोसाइटी ऑफ कैटरेक्ट और रिफ्रैक्टिव सर्जरी कांफ्रैंस में उन्हें यह सम्मान दिया गया है। 

प्रो. जगत राम की मानें तो बतौर डायरैक्टर मेरे व पी.जी.आई. के लिए भी यह पहला बड़ा सम्मान है कि इतने बड़े स्तर पर पी.जी.आई. को सराहाना मिली है। पी.जी.आई. एम्स के बाद नॉर्थ का दूसरा बड़ा संस्थान है इसमें कोई शक नहीं। हमारी कोशिश मरीजों को अच्छे से अच्छा इलाज देने की है। जिस तकनीक के लिए यह सम्मान मिला है उस पर हम काफी समय से काम कर रहे थे। 

डा. जगत राम ने बताया कि यूं तो काला मोतिया 40 की उम्र के बाद होता है और कई मामलों में यह बच्चों में यह जन्मजात होता है। बच्चों की आंखों की रोशनी जाने का यह सबसे प्रमुख वजह है। एक आम इंसान के कॉर्निया का साइज 11 से 12 मिलीमिटर होता है। इस बीमारी में बच्चे के कॉनिया का साइज बढ़ जाता है। 

सर्जरी के बाद काले मोतिया के ऊपर सफेद मोतिया होना आम है, जिसे सही करने के लिए आंख में लैंस डाला जाता है। इसमें बढ़ी दिक्कत लैंस के साइज की है जो कि स्टैंर्डट साइज के ही होते हैं व आंख बड़ी हो जाने के कारण उनमें लैंस डालना मुशकिल होता है। 

एडवांस आई सैंटर की टीम द्वारा किए गए सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों में से एक था, जहां एक लैंस विशेष रूप से आंख के आकार के अनुसार बायोटैक कंपनी की मदद से डिजाइन किया गया है। इस तकनीक को इजाद करने वाले डा. जगत राम विश्वभर में पहले डाक्टर हैं।

प्रो. राम तीसरी बार किए सम्मानित :
यह तीसरा मौका है जब डा. जगत राम को अमरीकी सोसाइटी ऑफ कैटरेक्ट और रिफ्रैक्टिव सर्जरी कांफ्रैंस में सम्मानित किया गया हो। इस कॉन्फ्रेंस में 90 देश भाग लेते हैं। इस अवार्ड को मैडीकल का ऑस्कर भी कहा जाता है। 

प्रोफैसर जगत राम को इससे पहले साल 2013 में डबल क्रिस्टलीय लैंस के प्रबंधन के लिए बैस्ट ऑफ द बैस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया था। वहीं साल 2016 में उन्होंने न्यू ऑरलियन्स, यू.एस.ए में हाइपरप्लास्टिक प्राइमरी विट्रीअस में सर्जरी की नई तकनीक के लिए सम्मानित किया गया था। 

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