Edited By pooja verma,Updated: 18 Apr, 2019 02:55 PM
शहर में पॉल्यूशन चैक सैंटरों के लिए न तो नियम तय किए गए हैं और न ही उन पर कभी कोई ठोस कार्रवाई की गई।
चंडीगढ़ (साजन) : शहर में पॉल्यूशन चैक सैंटरों के लिए न तो नियम तय किए गए हैं और न ही उन पर कभी कोई ठोस कार्रवाई की गई। सूत्रों के अनुसार सैक्रेटरी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की परमिशन से चल रहे पॉल्यूशन चैक सैंटरों पर फेक सर्टिफिकेट इश्यू करने की शिकायतें आ रही हैं, लेकिन न तो एस.टी.ए. और न ही ट्रैफिक पुलिस इन पर कोई ठोस कार्रवाई कर रही है।
एस.टी.ए. के पास यह पॉवर है कि वह उस पॉल्यूशन चैक सैंटर की परमिशन कैंसिल कर सकता है, जो नियम व शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। एस.टी.ए. की 2016 में हुई मीटिंग में पॉल्यूशन चैक सैंटरों को लेकर कई प्रस्ताव पास किए गए थे लेकिन इन पर आज तक अमल नहीं हो पाया है। इसके चलते ये सेंटर बेलगाम तरीके से काम कर रहे हैं।
यह तय हुआ था मीटिंग में
-एस.टी.ए. की मीटिंग में कई मर्तबा यह डिसकस हो चुका है कि चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस को हैंडी पॉल्यूशन चैकिंग मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि वह वाहन की चैकिंग कर सकें।
-चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की मदद से हैंडी पॉल्यूशन चैक डिवाइस हासिल करने के लिए आपस में बातचीत करेंगे। एस.टी.ए. चंडीगढ़ के विभिन्न हिस्सों में स्थित इन पॉल्यूशन चैक सैंटरों पर सरप्राइज चैकिंग भी करेगा ताकि जो फेक सर्टिफिकेट सैंटर इश्यू कर रहे हैं उन पर लगाम लग सके।
-अगर कोई सैंटर फेक सर्टिफिकेट इश्यू करता है तो उस पर या तो हैवी पैनेल्टी लगाई जाए या फिर उसका लाइसैंस रद्द कर दिया जाए।
-यह भी तय किया गया था कि चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस शहर के बार्डरों पर नाके लगाएगी, जहां उन ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स की एंट्री चैक की जाएगी जिन्होंने अपना लाइफ स्पैन पूरा कर लिया है।
-पॉल्यूशन चैक सेंटर चलाने का लाइसेंस उसी शख्स को दिया जाएगा जो 12वीं और जिसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या मैकेनिकल फिटर ट्रेड में आई.टी.आई. पास की है।
मीटिंग में पास एजैंडे पर गंभीरता से नहीं हुआ काम
पॉल्यूशन चैक सैंटरों के रैगुलेशन तय करने के उद्देश्य से यह एजैंडा मीटिंग में लाया गया था। सैंटरों के लिए एक पॉलिसी बनाने को भी कहा गया था लेकिन आज तक मीटिंग में पास किए गए एजैंडे पर गंभीरता से काम नहीं हुआ।
न ट्रैफिक पुलिस को पॉल्यूशन चैक करने के लिए कभी हैंडी डिवाइस उपलब्ध कराए गए और न ही पॉल्यूशन चैक सैंटरों पर कभी छापा मारा गया। न ही बार्डर पर वाहनों की मियाद चैक करने के लिए ही कोई ड्राइव कभी चलाई गई।
ऑडिट विभाग ने एस.टी.ए. के रिकार्ड जांचने के दौरान इन सभी मुद्दों पर जवाब मांगा है और सवाल उठाए हैं। आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता आर.के. गर्ग जिन्होंने ये रिकार्ड हासिल किया है ने कहा है कि विभाग केवल मीटिंग कर पैसे की बर्बादी कर रहे हैं। इनमें पास एजैंडे पर कोई ठोस कार्रवाई तो होती नहीं।