पंजाब ने केंद्र से मांगा 15,000 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज

Edited By ,Updated: 08 Feb, 2016 04:18 PM

punjab wants 15000 crore for special package

पंजाब को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 15,000 करोड़ रुपए का विशेष वित्तीय पैकेज मांगा है।

चंडीगढ़ : पंजाब को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 15,000 करोड़ रुपए का विशेष वित्तीय पैकेज मांगा है। साथ ही मालवा क्षेत्र में कैंसर का बढ़ता प्रकोप रोकने के लिए भी 100 करोड़ रुपए की सहायता मांगी है। यह मांग पंजाब के वित्त मंत्री परमिंद्र सिंह ढींडसा ने बजट से पहले नई दिल्ली में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा की गई बैठक में रखी। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डी.पी. रैड्डी भी मौजूद रहे।

 
वित्त वर्ष 2016-17 में सी.एस.टी. मुआवजा देने के लिए भी केंद्र से वित्तीय मदद मांगी गई। ढींडसा ने कहा कि पंजाब की मेहनत से ही भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। यह भूमिका निभाते-निभाते राज्य के प्राकृतिक स्रोतों को भारी क्षति पहुंची और मानव जीवन गंभीर खतरे झेल रहा है। मिट्टी और पानी का प्रदूषण खतरे के निशान तक पहुंच गया है। ऐसे में अनाज की पैदावार घट रही है। किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
 
ढींडसा ने कहा कि केंद्र द्वारा पंजाब के पड़ोसी, खासकर पहाड़ी राज्यों में उद्योगों को टैक्स रियायतें देने के चलते पंजाब का औद्योगिक क्षेत्र भी दम तोड़ रहा है। राज्य से 274 औद्योगिक संस्थान पलायन कर दूसरे राज्यों में चले गए। इसके चलते राज्य को कम से कम 3675 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। इन दोनों उत्पादन क्षेत्रों में आई स्थिरता के कारण निवेश और युवाओं के लिए रोजगार के संसाधन बुरी तरह घट गए। उन्होंने कहा कि केरल और पश्चिमी बंगाल के साथ पंजाब भी ऋण माफी का हकदार था लेकिन इसे सिर्फ इसलिए नकार दिया क्योंकि पंजाब कृषि सैक्टर को मुफ्त बिजली देता है। उन्होंने कहा कि गत दिवस प्रधानमंत्री ने कृषि सैक्टर की सबसिडी को जायज करार दिया है जिससे पंजाब का ऋण माफी का केस और मजबूत होता है। 
 
ढींडसा ने अद्र्धसैनिक बलों की तैनाती के कारण राज्य पर चढ़ा 298 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने की भी मांग की। उन्होंने 14वें वित्त आयोग द्वारा प्रोफैशनल टैक्स की सीमा 2500 से बढ़ाकर 12 हजार रुपए करने की सिफारिश करने का जिक्र करते हुए कहा कि यह सीमा सभी राज्यों में बराबर लागू होनी चाहिए। आवास निर्माण महंगा होने को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आवास निर्माण के लोन के लिए 30 लाख रुपए और रिपेयर के लिए 1 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाकर 50 लाख रुपए निर्माण के लिए और 10 लाख रुपए मुरम्मत के लिए मांग की।

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