हाईकोर्ट की फटकार के बाद बारिश ने रखी अधिकारियों की इज्जत, बढ़ रहा सुखना का तेजी से वाटर लैवल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 09:08 AM

sukhna water level

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लगातार फटकार पडऩे के बाद चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी सुखना लेक के वाटर लैवल को लेकर फिर से परेशानी में थे।

चंडीगढ़(विजय) : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लगातार फटकार पडऩे के बाद चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी सुखना लेक के वाटर लैवल को लेकर फिर से परेशानी में थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से शहर में हो रही मानसून की मेहरबानी से अब सुखना का वाटर लैवल भी तेजी से बढऩा शुरू हो गया है। 

 

यही वजह है कि अब प्रशासन यह प्लानिंग कर रहा है कि अगर लेक में पानी पर्याप्त मात्रा में रहा तो लेक में इस साल पीने का पानी नहीं डाला जाएगा। दरअसल शनिवार को नेपली फॉरैस्ट में हुई 90 एम.एम. बारिश की वजह से सुखना लेक का वाटर लैवल अढ़ाई फीट तक बढ़ गया था। जिसके बाद लेक का वाटर लैवल रविवार शाम तक 1158 फीट तक पहुंच गया। जबकि पिछले सप्ताह तक यह लैवल 1155.80 फीट था। 

 

अगर लेक का वाटर लैवल आने वाले दिनों में बरकरार रहता है तो प्रशासन नवंबर से पंजाब से जो दो एम.जी.डी. पीने के पानी को सुखना लेक में डालने के प्रोपोजल को ड्रॉप भी कर सकता है। हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। दरअसल अधिकारियों का कहना है कि लेक का वाटर लैवल अब इतना हो चुका है कि अगले साल इसके सूखने की संभावना न के बराबर है। ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो पीने के पानी की बजाय लेक को भरने के लिए अन्य ऑप्शन तलाशे जा सकते हैं। 

 

डेली सब्मिट हो रही रिपोर्ट :
सुखना लेक के वाटर लैवल की रिपोर्ट प्रशासन की ओर से रोजाना तैयार की जा रही है। हल्की सी बारिश के बाद ही कर्मचारियों से फीडबैक लिया जा रहा है। अफसरों के मुताबिक सुखना सैंक्चुरी से जो वाटर चैनल लेक में पानी पहुंचाते हैं उनमें अच्छा पानी शाम के वक्त भी आ रहा था। 1158 से 1160 फीट तक जब सुखना का वाटर लैवल रहता है तो ये लेक का नॉर्मल वाटर लैवल होता है। यानि इस वक्त रेगुलेट्री एंड तक लेक में पानी का लैवल अच्छा है। इतने वाटर लैवल का ये भी मतलब लेक के लिए कि अगले साल गर्मियों में लेक सरवाइव कर पाएगी। 

 

16 वर्षों के दौरान लेक का वाटर लैवल :
2000    1159.30
2001    1161.10
2002    1161.10
2003    1163.35
2004    1163.50
2005    1162.40
2006    1156.40
2007    1157.70
2008    1163.95
2009    1159.23
2010    1162.05
2011    1156.55
2012    1162.9
2013    1161.65
2014    1157.0
2015    1160.05
2016    1155.00
 

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