लैक्चरर्स की रिटायरमैंट एज का मामला,प्रशासन को लगाई फटकार, 20 हजार कोस्ट हफ्ते में जमा करवाएं

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 03 Mar, 2022 01:37 AM

supreme court gives permission to the administration to withdraw the petition

चंडीगढ़ के स्कूलों में कार्यरत लैक्चरर्स ने सेवानिवृत्ति उम्र (रिटायरमैंट एज) 58 की बजाय अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तर्ज पर 65 वर्ष किए जाने की मांग पर पंजाब एवं हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अमल करने की बजाय हाईकोर्ट से आदेशों पर अमल के...

चंडीगढ़,(रमेश हांडा): चंडीगढ़ के स्कूलों में कार्यरत लैक्चरर्स ने सेवानिवृत्ति उम्र (रिटायरमैंट एज) 58 की बजाय अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तर्ज पर 65 वर्ष किए जाने की मांग पर पंजाब एवं हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अमल करने की बजाय हाईकोर्ट से आदेशों पर अमल के लिए समय मांगने पर कोर्ट ने प्रशासन को जमकर फटकार लगाते हुए 20 हजार की कोस्ट लगाई है। केंद्र ने प्रोफैसर स्तर के कर्मियों की रिटायरमैंट एज 65 वर्ष निर्धारित की हुई है और सभी केंद्र शासित प्रदेशों में भी लागू है। एकमात्र चंडीगढ़ ही ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है जहां उक्त नियम लागू नहीं किए गए, क्योंकि प्रशासन पंजाब के नियमों का हवाला देता रहा है। इसे लेकर चंडीगढ़ के स्कूलों में कार्यरत प्रोफैसर ग्रेड के टीचर्स ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर डबल बैंच ने याची पक्ष के हक में फैसला सुनाया था और चंडीगढ़ प्रशासन को अमल करने को कहा था। प्रशासन ने उक्त आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिकाकत्र्ता के पक्ष में ही फैसला सुनाते हुए प्रशासन को याचिका वापस लेने की छूट दी थी। बावजूद इसके प्रशासन ने उक्त आदेशों पर अमल नहीं किया।

 


आदेश न मिलने तक नौकरी पर बने रहने को कहा
डा. राजेश शर्मा, जो 28 फरवरी को 58 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, को प्रशासन ने रिटायर नहीं किया। उन्हें कहा कि जब तक केंद्र के आदेश नहीं मिल जाते तब तक नौकरी पर बने रहो। याचिकाकत्र्ताओं का कहना है कि जब प्रशासन सुप्रीम कोर्ट से केस वापस ले चुका है और फैसला स्कूली प्रोफैसर के हक में आया है तो उसे लागू किया जाना चाहिए। प्रशासन एक वर्ष से बहाने बना रहा है जिसे लेकर हाईकोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका और उसे वीरवार को नोटिस का जवाब दाखिल करना है। जवाब देने की बजाय प्रशासन ने एप्लीकेशन दाखिल कर मांग की थी कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने के लिए 3 माह का और समय दिया जाए ताकि केंद्र से विचार-विमर्श किया जा सके। जस्टिस ए.जे. मसीह व जस्टिस अशोक कुमार वर्मा पर आधारित बैंच ने प्रशासन को फटकार लगाते हुए उक्त अपील खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि आदेशों को लागू नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका का वीरवार को एजूकेशन सैक्रेटरी खुद पेश होकर जवाब दाखिल करें। कोर्ट ने प्रशासन को 20 हजार की कोस्ट भी लगाई है जो एक हफ्ते के बीच ट्रेजरी में जमा करनी होगी।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!