Edited By ashwani,Updated: 23 Apr, 2021 12:24 AM
जी.एम.सी.एच.-32 ने की पहल, आइसोलेशन में आए मरीज को तनाव से बाहर करना मकसद
चंडीगढ़, (राजिंद्र शर्मा) : गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज एवं अस्पताल सैक्टर-32 ने कोरोना काल में अपनों को मिलाने की एक बहुत ही बेहतरीन पहल की है। जो भी कोविड मरीज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रहेंगे, उनकी वर्चुअल माध्यमों जैसे वीडियो काल के जरिए परिजनों से बात कराई जाएगी। इसका मकसद आइसोलेशन में आए मरीज को उस तनाव से बाहर लाना है जो उसे परिजनों के दूर रहने से हो रहा है। अपने परिजनों, रिश्तेदारों से बातचीत कर वह अच्छा महसूस कर पाएंगे।
ऐसा कहा जा रहा है कि स्ट्रैस लैवल भी कोविड की बीमारी की मार बढ़ाने में महत्वपूर्ण पहलू के तौर पर सामने आ रहा है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने टेबलैट व स्मार्ट फोन अरैंज कर लिए हैं। सैक्टर-48 के अस्पताल के कोविड आइसोलेशन वार्ड में ये सुविधा शुरू की जा चुकी है, जबकि सैक्टर-32 अस्पताल के मरीजों के लिए भी शुक्रवार से यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी। प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने यह सुविधा उपलब्ध कराए जाने पर अस्पताल प्रशासन की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि मरीजों को जो खाना दिया जा रहा है, उसकी गुणवत्ता भी अव्वल दर्जे की हो।
होम आइसोलेशन वालों के लिए डॉक्टर के साथ वीडियो इंटरैक्शन की सुविधा भी
उधर दूसरी तरफ चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के साथ मिलकर जी.एम.सी.एच.-32 ने होम आइसोलेशन में मौजूद कोविड मरीजों के लिए भी डॉक्टर के साथ वीडियो इंटरैक्शन की सुविधा शुरू की है। साऊथ जोन और ईस्ट जोन के कुछ इलाकों में यह सुविधा दी गई है। इसमें सैक्टर 32 से 46, 49 से 63, अटावा, कजहेड़ी, बुड़ैल, पलसौरा, बडहेड़ी, शाहपुर, बुटरेला, डड्डूमाजरा, मलोया शामिल हैं, जबकि सैक्टर 48, ग्रेन मार्कीट और निजामपुर ईस्ट जोन में आते हैं।
होम आइसोलेशन में मौजूद कोविड मरीजों में भी इससे तनाव घटेगा और उनमें सुरक्षा की भावना आएगी। होम आइसोलेशन के मरीजों को जी.एम.सी.एच.-32 में भी नहीं आना होगा। मरीज डॉक्टरों से 7657977814-815 नंबरों पर वीडियो कालिंग कर सकते हैं। एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि जरूरी दवाओं और स्टाफ की जरुरतों को पूरा करने के साथ साथ एडवांस एक्शन लिए जाने की जरूरत है ताकि सप्लाई चेन में रुकावट न आए। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों की दवाओं की मॉनीटरिंग लगातार होती रहनी चाहिए। इसके एडवांस में आर्डर दिए जाएं ताकि कमी न हो। इसके लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन भी किया गया, जो सब जगह हालातों का जायजा लेकर समय पर सहायता उपलब्ध कराएगी।