आज से बंद होगा बंदरों का हुक्का-पानी, विभाग का दावा जल्द ख़त्म होगा बंदरों का आतंक

Edited By ,Updated: 30 Sep, 2016 10:11 AM

the department claims the monkey menace will end soon

सैक्टर-7सी में बंदरों के आतंक पर पंजाब केसरी की खबर का संज्ञान लेते हुए वीरवार दोपहर चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरैस्ट संतोष कुमार ने एक स्पैशल टीम का गठन कर सैक्टर-7 में जायजा लेने भेजा।

चंडीगढ़ (कुलदीप): सैक्टर-7सी में बंदरों के आतंक पर पंजाब केसरी की खबर का संज्ञान लेते हुए वीरवार दोपहर चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरैस्ट संतोष कुमार ने एक स्पैशल टीम का गठन कर सैक्टर-7 में जायजा लेने भेजा। फॉरैस्ट व वन्यजीव विभाग की टीम ने सैक्टर वासियों को हिदायत दी है कि वे बंदरों को खानपान का सामान न दें और घर के बाहर भी खाने-पीने की चीजें और पानी न रखें। टीम  =ने बंदरों के ठिकानों को वैरीफाई कर लिया है और शुक्रवार से बंदरों की धरपकड़ शुरू कर दी विभाग का दावा है कि एरिया से जल्द बंदरों के आतंक को खत्म किया जाएगा।     

बंदरों को बाहर खाना देना खतरनाक  
चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरैस्ट संतोष कुमार ने बताया कि लोग खुले में बंदरों को खाना या अन्य खाद्य पदार्थ देने लगते है। इसके कारण समझदार बंदर उसके आदि हो जाते है। इसके बाद वह धीरे-धीरे एरिया को अपना अड्डा बना लेते है। वहीं, सैक्टर-7सी में सर्वे के दौरान उपरोक्त कारण भी सामने आए है। जिसके बाद लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।  

दोबारा आ जाते हैं ऐश-परस्त बंदर 
वन्य जीव विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ साल पहले उन्होंने बंदरों को लेकर शहर में एक सर्वे किया था। इस दौरान बंदरों के ठिकानों सहित उनके रुटीन के आवागमन पर एक रिपोर्ट तैयार की गई थी। विभाग का दावा है कि उसके आधार पर बंदरों की धरपकड़ करके सुरक्षित छोड़ा जा रहा है। लेकिन चंडीगढ़ में उन्हें खानपान का सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता है और यहां ग्रीनरी के कारण भी बंदर वापस लौट आते हैं। कई सालों से यह सिलसिला 
बरकरार है।  

ये है मामला 
सैक्टर-7सी में बीते मंगलवार की सुबह हाऊस नंबर-1606 में रहने वाली एक बी.एससी. की छात्रा को बंदरों की टोली ने नींद की हालत में कमरे से बाहर निकालकर हमला किया। वारदात में युवती प्रिया के हाथ में फैक्चर आए और वह बेहोश होकर गिर गई। प्राथमिक इलाज के बाद जी.एम.एच.एच.-16 अस्पताल में देर शाम उसकी छुट्टी मिली। वहीं सूचना पाकर पहुंची पंजाब केसरी की टीम ने मौके पर लोगों से बातचीत की तो बंदरों के आतंक की हकीकत सामने आया। इसके बाद मामला वन्यजीव विभाग तक पहुंचा और उन्होंने खबर का संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है जिसके बाद स्थानीय निवासियों ने राहत की सांस ली है। 

सर्वे टीम का बंदरों से हुआ आमना-सामना 
कंजर्वेटर ऑफ फॉरैस्ट के आदेश के बाद ही वन्यजीव विभाग के 2 सर्वेयर सैक्टर-7सी में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पंजाब केसरी में प्रकाशित हाऊस नंबर पर जाकर लोगों से पूछताछ करके सर्वे स्टार्ट किया। इस दौरान उन्होंने बाहर मिले कुछ लोगों को बंदरों से बचने का तरीका भी समझाया। इस दौरान उन सदस्यों का सामान उपद्रवी बंदरों से भी हुआ। जो किसी छत पर बैठकर अलग-अलग तरह के मुंह बना रहे थे। उन्होंने देर शाम को रिपोर्ट के तौर पर बताया कि बंदरों की धरपकड़ शुक्रवार से शुरू की जाएगी।

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