पंजाब यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में सिन्योरिटी के आधार पर नहीं नियुक्त किए जाते वार्डन

Edited By pooja verma,Updated: 13 Jun, 2019 01:14 PM

warden is not appointed on the basis of seniority in the hostels

पंजाब यूनिवर्सिटी में वार्डन सिन्योरिटी के आधार पर नहीं नियुक्त जाते हैं।

चंडीगढ़ (हंस): पंजाब यूनिवर्सिटी में वार्डन सिन्योरिटी के आधार पर नहीं नियुक्त जाते हैं। पी.यू. में पिछले कई वर्षों का भी रिकॉर्ड चैक किया जाए तो कैंपस में कभी भी वार्डन की सिन्योरिटी का ध्यान नहीं रखा जाता है। 

 

वैसे पी.यू. के कैलेंडर में वार्डन की जिम्मेदारी का कोई नियम भी नहीं है और न ही वार्डन नियुक्त करने की शक्ति सिंडीकेट या सीनेट में तय होती है।  पी.यू. के वी.सी. के पास यह शक्ति है कि अपनी मर्जी से आए हुए आवेदन में से किसी का भी वार्डन का चयन कर सकते हैं। 

 

ध्यान रहें कि कैंपस में 4 हॉस्टलों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन अभी नए वार्डन का चयन नहीं किया गया है। बल्कि पुराने वार्डन को पार्ट टाइम वार्डन के तौर पर एक्सटैंशन दे दी गई है। ये वार्डन के नए वार्डनों की नियुक्ति तक बने रहेंगे।

 

हिस्ट्री डिपार्टमैंट के जसबीर सिंह और बायोटेक के कश्मीर सिंह, भूगोल के सुच्चा सिंह, एंथ्रोपॉलोजी के डॉ. जे.एस. सहरावत, जगत सिंह, रमेश साहनी और अरुण ठाकुर ने भी वार्डन नियुक्त होने के लिए आवेदन किया है। वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) अध्यक्ष प्रो. राजेश गिल ने हॉस्टल वार्डनों वरिष्ठता के आधार पर लगाने की मांग की है।

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