‘गर्मी फुल’-‘बिजली गुल,  फिर हरियाणा की बिजली गुजरात भेजने का घालमेल क्यों? सुर्जेवाला ने सरकार पर साधा निशाना

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 01 May, 2022 07:07 PM

why did the khattar government kneel before the adani group why no action

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया गर्मी फुल-बिजली गुल, फिर हरियाणा की बिजली गुजरात भेजने का घालमेल क्यों? उन्होंने कहा कि गांव हो या शहर 12 से 20 घंटे तक का बिजली कट लग रहा है। उन्होंने...

चंडीगढ़,(बंसल): कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया गर्मी फुल-बिजली गुल, फिर हरियाणा की बिजली गुजरात भेजने का घालमेल क्यों? उन्होंने कहा कि गांव हो या शहर 12 से 20 घंटे तक का बिजली कट लग रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा के लोग खट्टर सरकार की मिलीभगत व सांठगांठ की मार भुगत रहे हैं, क्योंकि खट्टर सरकार अडानी पावर, मुंद्रा, गुजरात से मिलने वाली 1424 मैगावॉट बिजली का एक यूनिट बिजली भी नहीं ले रही। उल्टा खट्टर सरकार अडानी पावर, गुजरात को लगभग 114 लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन दे रही है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि इस बिजली के एवज में एक फूटी कौड़ी का भुगतान भी हरियाणा सरकार को नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के सरकारी खजाने को चूना लगाकर खट्टर सरकार दूसरी प्राइवेट कंपनियों से 5.75 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीद रही है। 

 


आंकड़ों से साथ पेश किया विवरण 
चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता के दौरान सुर्जेवाला ने आंकड़ों के साथ विवरण भी पेश किया।

-1. 7 अगस्त, 2008 - हरियाणा की बिजली कंपनियों ने अडानी पावर से 25 साल के लिए 1424 मैगावॉट बिजली 2.94 रुपए के.डब्ल्यू.एच. सप्लाई करने के लिए ‘बिजली खरीद समझौता’ (पी.पी.ए.) किया। इसके तहत अडानी पावर के मुंद्रा, गुजरात स्थित बिजलीघर से महेंद्रगढ़, हरियाणा तक बिजली की लाईन बिछाई गई। 

-2. साल 2021 से आज तक - सुप्रीम कोर्ट में केस हारने के बावजूद अडानी पावर ने इंडोनेशिया के कोयले की बढ़ी हुई कीमतों को कारण बताकर हरियाणा को दी जाने वाली 1424 मैगावॉट की सप्लाई रोक रखी है। 
-3. अडानी पावर को 1424 मैगावॉट बिजली देने के लिए बाध्य करने की बजाय खट्टर सरकार ने 3 साल के लिए (15.04.2022 से 14.04.2025) एम.बी. पावर, मध्य प्रदेश व आर.के.एम. पावर, छत्तीसगढ़ से 5.70 रुपए व 5.75 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने का निर्णय लिया है।
-4. नार्दर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के मुताबिक मुंद्रा (गुजरात), महेंद्रगढ़ (हरियाणा) की बिजली सप्लाई लाईन में मुंद्रा (गुजरात) - महेंद्रगढ़ (हरियाणा) बिजली आने की बजाय उल्टी बिजली, मुंद्रा (गुजरात) भेजी जा रही है। एन.आल.एल.डी.सी. की 9 अप्रैल से 29 अप्रैल 2022 तक की रिपोर्ट ये स्पष्ट होता है कि हर रोज 114 लाख यूनिट तक हरियाणा की बिजली उल्टा मुंद्रा, गुजरात को जा रही है। चार्ट के अनुसार 9 अप्रैल, 2022 से 29 अप्रैल, 2022 के बीच हरियाणा से मुंद्रा, गुजरात 2356.30 लाख यूनिट यूनिट भेज दी गई।
-5. 24 अप्रैल व 29 अप्रैल, 2022 - आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फैडरेशन ने भी देश के बिजली मंत्री, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री हरियाणा व गुजरात को, बाकायदा पत्र लिखकर अडानी पावर द्वारा हरियाणा को 25 साल के पी.पी.ए. के मुताबिक 2.94 रुपए पर 1424 मैगावॉट बिजली न देने तथा उल्टा हरियाणा के हिस्से की बिजली महेंद्रगढ़ से मुंद्रा ले जाने बारे साफ तौर से चेताया है। 

बिजली मंत्री बोले-सुर्जेवाला प्रदेश की जनता को गुमराह व बरगला रहे
हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने रणदीप सुर्जेवाला द्वारा हरियाणा की बिजली को गुजरात भेजने के आरोपों को झूठ का पुङ्क्षलदा बताते हुए इसे गुमराह करने वाला व प्रदेश की जनता को बरगलाने वाला बताया है। बिजली मंत्री ने कहा कि अपनी पार्टी की अंदरूनी कलह को छिपाने के लिए सुर्जेवाला ने मीडिया में हरियाणा सरकार के खिलाफ जो अनर्गल बयानबाजी की है, उसमें वह खुद ही फंस गए हैं। उन्होंने कहा कि सुर्जेवाला की याद्दाश्त काफी कमजोर हो गई लगती है, क्योंकि वर्ष 2013 में अडानी की याचिका पर ‘सैंट्रल इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन’ के आदेशों के तहत ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरैक्ट करंट’ 500 के.वी. लाइन को डेडिकेटिड टांसमिशन लाईन से ‘इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम’ में परिवर्तित कर दिया था, इसके बाद इसी आदेश को 14 मई 2014 को जब रणदीप सुर्जेवाला कांग्रेस सरकार के दौरान स्वयं कैबिनेट का हिस्सा थे तो उस वक्त कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। रणजीत सिंह ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में ही ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरैक्ट करंट लाईन’ तत्पश्चात ‘इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम नैटवर्क’ का हिस्सा बन गई थी और इसके ऊपर सारा नियंत्रण ‘रीजनल ग्रिड स्टेबिलिटी’ के आधार पर ‘नैशनल लोड डिस्पेच सैंटर’ का हो गया था। ‘नैशनल लोड डिस्पेच सैंटर’ एक स्वतंत्र बॉडी है, इस पर हरियाणा का न तो एडमिनिस्ट्रेटिव और न ही ऑप्रेशनल कंट्रोल है। 

 


हरियाणा की बिजली को कहीं नहीं भेजा जा रहा
रणजीत सिंह ने रणदीप सुर्जेवाला द्वारा अडानी को मुफ्त में बिजली दिए जाने के आरोपों को बेबुनियाद व तथ्यों से परे बताते हुए कहा कि उक्त ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट लाइन’ के फ्लो से हरियाणा का कोई लेना-देना नहीं है, प्रदेश का बिजली में जो हिस्सा है उस पर कोई प्रभाव नहीं पडऩे वाला। उन्होंने कहा कि 9 अप्रैल 2022 से 12 अप्रैल 2022 तक 177 मैगावॉट से बढ़ाकर 487 मैगावॉट उत्तर क्षेत्र से पश्चिम क्षेत्र में भेजी गई बिजली ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट लाइन’ का ही एक उदाहरण है। 
बिजली मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र से उत्पादित व अपने स्तर पर उत्पादित बिजली का हरियाणा पूरा सदुपयोग कर रहा है। हरियाणा के हिस्से की बिजली को कहीं भी नहीं भेजा गया है। उन्होंने सुर्जेवाला द्वारा प्रदेश में बिजली संकट होने के आरोपों को औचित्यहीन बताते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने उपभोक्ताओं को आवश्यकता अनुसार बिजली देने के लिए कृत-संकल्प है।
 

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