Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 02 Feb, 2022 02:10 PM
भारत संसद की रक्षा स्थाई समिति के सदस्य रतनलाल कटारिया ने प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में रखे गए 5.25 लाख करोड़ रुपए रक्षा बजट के लिए रखे जाने वाले प्रावधानों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त...
चंडीगढ़, (अर्चना सेठी)। भारत संसद की रक्षा स्थाई समिति के सदस्य रतनलाल कटारिया ने प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में रखे गए 5.25 लाख करोड़ रुपए रक्षा बजट के लिए रखे जाने वाले प्रावधानों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया।
रतन लाल कटारिया ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए यह रक्षा बजट रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाएगा और सरकार 68 फ़ीसदी घरेलू उद्योगों से रक्षा उपकरण खरीदने में सक्षम होगी। पिछले रक्षा बजट में रखे गए 4.78 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर इस बार 5.25 लाख करोड़ रुपए दिया गया है वह पिछले वर्ष की अपेक्षा 9.82 है।
रतन लाल कटारिया ने बताया कि अब तक भारत को दुनिया के देशों में दूसरा सबसे बड़ा हथियारों का आयातक देश माना जाता है परंतु पिछले 7 वर्षों में मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिन खुद कहा था कि अब वक्त आ गया है कि भारत को ज्यादा वक्त तक हत्यारों और चुनौतीपूर्ण सैन्य तकनीक के मामले में आयात पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहने दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के विजन की झलक इस बजट में दिखाई दे रही है, अब भारत रक्षा आयातक से रक्षा निर्यातक देश बनने जा रहा है और आगामी 5 वर्षो में 35 हजार करोड़ रुपए की रक्षा निर्यात का भी लक्ष्य रखा गया है।
रतनलाल कटारिया ने कहा कि अंबाला लोकसभा देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अंबाला में पहले भी सेना के लिए उपकरण बनते रहे हैं। वित्त मंत्री ने बजट 2022-23 में रक्षा शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए 25 फ़ीसदी बजटीय धनराशि आवंटित की है उससे निजी क्षेत्र एकैडमी और स्टार्टअप को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी ।
रतनलाल कटारिया ने कहा कि रक्षा बजट के 68 फ़ीसदी बजट का इस्तेमाल घरेलू कंपनियों से सैन्य सामग्री खरीदे जाने के स्वरूप मध्यम एवं सूक्ष्म श्रेणी के उद्योगों को भी राहत मिलेगी, जो इस क्षेत्र में रोजगार अवसर को भी बढ़ावा देगी।