Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Apr, 2024 10:52 AM
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भारतीय संस्कृति में शंख को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों में से एक शंख भी था। अथर्ववेद के अनुसार शंख से राक्षसों का नाश होता है- शंखेन हत्वारक्षांसि।
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Benefits of Shankh: भारतीय संस्कृति में शंख को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों में से एक शंख भी था। अथर्ववेद के अनुसार शंख से राक्षसों का नाश होता है- शंखेन हत्वारक्षांसि। भागवत पुराण में भी शंख का उल्लेख हुआ है। शंख में ओ३म ध्वनि प्रतिध्वनित होती है। ओ३म से ही वेद बने और वेद से ज्ञान का प्रसार हुआ। पुराणों और शास्त्रों में शंख ध्वनि को कल्याणकारी कहा गया है। इसकी ध्वनि विजय का मार्ग प्रशस्त करती है।
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शंख का महत्व धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, वैज्ञानिक रूप से भी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके प्रभाव से सूर्य की हानिकारक किरणें बाधित होती हैं। इसलिए सुबह और सायं शंख ध्वनि करने का विधान सार्थक है। जाने-माने वैज्ञानिक डा. जगदीश चंद्र बसु के अनुसार इसकी ध्वनि जहां तक जाती है वहां तक व्याप्त बीमारियों के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे पर्यावरण शुद्ध हो जाता है।
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शास्त्रों में इसे महा औषधि माना जाता है। शंख में प्राकृतिक कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। इससे इसमें मौजूद जल सुवासित और रोगाणु रहित हो जाता है। इस कारण शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और यह दांतों को स्वस्थ रखने में भी लाभकारी होता है। पूजा, यज्ञ एवं अन्य विशिष्ट अवसरों पर शंखनाद हमारी परम्परा में था क्योंकि शंख से निकलने वाली ध्वनि तरंगों में हानिकारक वायरस को नष्ट करने की क्षमता होती है। 1928 में बर्लिन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शंख ध्वनि पर अनुसंधान कर इस बात को प्रमाणित किया था।
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दरअसल शंखनाद करने के पीछे मूलभावना यही थी कि इससे शरीर निरोगी हो जाता है। घर में शंख रखना और उसे बजाना वास्तु दोष को भी समाप्त कर देता है। यह भारतीय संस्कृति की अनुपम धरोहर है। श्री कृष्ण के पास पार्जन्य, अर्जुन के पास देवदत्त, युधिष्ठिर के पास अनंत विजय, भीष्म के पास पोंड्रिक, नकुल के पास सुघोष, सहदेव के पास मणिपुष्पक शंख था। सभी के शंखों का महत्व और शक्ति अलग-अलग थी।
शंखों की शक्ति और चमत्कारों का वर्णन महाभारत और पुराणों में मिलता है। शंख को विजय, समृद्धि सुख, शांति, यश, र्कीत और लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शंख नाद का प्रतीक है। शंख ध्वनि शुभ मानी गई है। हालांकि प्राकृतिक रूप से शंख कई प्रकार के होते हैं। इनके 3 प्रमुख प्रकार हैं : दक्षिणावृत्ति शंख, मध्यावृत्ति शंख तथा वामावृत्ति शंख।
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