जानें, भाद्रपद अमावस्या का शुभ मुहूर्त व पूजन

Edited By Lata,Updated: 29 Aug, 2019 02:45 PM

bhadrapada amavasya

हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि 30 अगस्त को मनाई जाएगी और जिसे पिठौरी व कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

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हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि 30 अगस्त को मनाई जाएगी और जिसे पिठौरी व कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर अमावस्या पर पितर तर्पण किया जाता है और इसका अपना एक विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि अगर किसी से पितरों के किसी कार्य में भूल हो गई हो तो अमावस्या के दिन उस भूल को सुधारा जा सकता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितरों को प्रसन्न करने से जीवन में सुख शांति आती है। तो चलिए आगे जानते हैं कि इस दिन के शुभ मुहूर्त व कुछ आसान से उपायों के बारे में। 
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शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारंभ- 07:55 पी एम, अगस्त 29, 2019 
अमावस्या तिथि की समाप्ति – 04:07 पी एम, अगस्त 30, 2019

शांति के लिए उपाय
इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करें और अगर ये संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान अवश्य करें। स्नान करने के बाद पुरुष सफेद कपड़े पहनकर पितरों का तर्पण करें। 
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शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दिन दान भी करना चाहिए। 

पितरों की शांति के अलावा इस दिन महिलाएं अपने बेटे की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और पुत्र प्राप्ति के लिए दुर्गा मां की पूजा करती हैं। 
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दक्षिण भारत में पिठौरी अमावस्या को पोलाला अमावस्या के तौर पर मनाते है। दक्षिण भारत में इस दिन देवी पोलेरम्मा की पूजा होती है। पोलेरम्मा को पार्वती मां का ही एक रूप माना जाता है।

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