श्रीकृष्ण के अवतार से जुड़ी ये धार्मिक कथा नहीं जानते होंगे आप?

Edited By Jyoti,Updated: 17 Oct, 2021 03:45 PM

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धर्म शास्त्रों में बताया गया है सनातन धर्म यानि हिंदू धर्म में कुल 33 कोटि देवी-देवता है। तो वहीं प्रमुख देवी-देवता के आगे कई अन्य अवतार आदि है। इन प्रमुख देवी-देवताओं में से एक है श्री हरि जिन्हें

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धर्म शास्त्रों में बताया गया है सनातन धर्म यानि हिंदू धर्म में कुल 33 कोटि देवी-देवता है। तो वहीं प्रमुख देवी-देवता के आगे कई अन्य अवतार आदि है। इन प्रमुख देवी-देवताओं में से एक है श्री हरि जिन्हें नारायण के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं कि भगवान के सभी रूपों के प्राक्टय के पीछे कोई न कोई उद्देश्य रहा है। मगर इन अवतारों से जुड़ी धार्मिक कथाओं से लोग आज भी रूबरू नहीं है। तो आइए जानते हैं ऐसी कथाओं के बारे में जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। 

हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण और श्री राधा का अवतार बहुत ही प्रमुख माना जाता है। इन्होंने द्वापरयुग में जन्म लेकर धरती और मनुष्य का उद्धार किया था। आज भी दोनों की आराधना में लाखों भक्त लीन रहते हैं। हममें से लगभग लोग यह जानते हैं कि श्रीकृष्ण और राधा जी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के अवतार हैं। लेकिन देवी पुराण के अनुसार ये दोनों विष्णु-लक्ष्मी नहीं बल्कि किसी और भगवान के अवतार थे। इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे, तो चलिए जानते हैं इससे संंबंधित बातें-

देवी पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण, विष्णु भगवान के अवतार नहीं थे, और देवी राधा माता लक्ष्मी की अवतार नहीं थी। इसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि श्रीकृष्ण जी मां महाकाली के अवतार थे और देवी राधा जी स्वंय देवों के देव महादेव यानि शिव शंकर का अवतार थी। देवी पुराण के अनुसार धरती से अधर्म और असुरों के नाश के लिए द्वापरयुग में महाकाली माता ने श्रीकृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से जन्म लिया था। देवी पुराण में लिखा है कि महादेव शिव शंकर जी ने वृषभानु की पुत्री श्री राधा जी के रूप में जन्म लिया था।

इसके साथ ही इसमें ये भी लिखा गया है कि श्री विष्णु जी ने बलराम और अर्जुन के रूप में अवतार लिया था। कहते हैं कि जब पांडव वनवास के दौरान कामाख्य शक्तिपीठ पहुंचे तो वहां उन्होंने तप किया और उनके तप से प्रसन्न होकर महाकाली प्रकट हुई और उन्होंने पांडवों से कहा कि मैं श्रीकृष्ण के रूप जन्म लेकर तुम्हारी सहायता करूंगी और कौरवों का विनाश करके धर्म की स्थापना करूंगी। देवी पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध भी मां काली के रूप में ही किया था।

(नोट- पंजाब केसरी ऐसे किसी लेख की पुष्टि नहीं करता, ये सारी जानकारी धार्मिक किंवदंतियों पर आधारित है।) 
 

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