क्या आप जानते हैं किस उम्र में कौन सा ग्रह दिखाता है अपना असर

Edited By Jyoti,Updated: 23 Jan, 2020 12:51 PM

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जैसे कि सब जानते हैं ज्योतिष शास्त्र में मानव जीवन से संबंधित बहुत सी बातें वर्णित है। इसमें किए वर्णन के अनुसार ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा असर होता है।

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जैसे कि सब जानते हैं ज्योतिष शास्त्र में मानव जीवन से संबंधित बहुत सी बातें वर्णित है। इसमें किए वर्णन के अनुसार ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा असर होता है। बल्कि इसमें स्पष्ट अक्षरों में ये कहा गया है कि जन्म से लेकर मृत्यु तक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में नवग्रह की चाल का चक्र चलता है, इसी चक्र के अंदर व्यक्ति का जवन होता है। तो आज हम आपके लिए ऐसे ही जानकारी लाएं हैं जिसमें हम आपको बताएंगे कि कौन से ग्रह कब अपना असर दिखाता है यानि उम्र के हर पढ़ाव पर किस तरह ग्रह हमारा जीवन प्रभावित करते हैं। इतना नहीं ज्योतिष शास्त्र की मदद से ये भी पता लगाया जा सकता है कि ये ग्रह कब और कैसे अपना बुरा प्रभाव देते हैं। 
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सूर्य ग्रह- सिंह राशि में 22वें वर्ष में अपना प्रभाव दिखाता है।
चंद्र ग्रह- कर्क राशि में 24वें वर्ष में अपना प्रभाव दिखाता है।
मंगल ग्रह- मेष / वृश्चिक राशि में 28वें वर्ष में अपना प्रभाव दिखाता है।
शुक्र ग्रह- वृषभ /तुला राशि में 25वें वर्ष या विवाह के बाद अपना प्रभाव दिखाता है।
बुध ग्रह- मिथुन / कन्या राशि में 32वें वर्ष में अपना प्रभाव दिखाता है।
गुरु ग्रह- धनु / मीन राशि में 16वें वर्ष में अपना प्रभाव दिखाता है।
शनि ग्रह- मकर / कुम्भ राशि में 36वें वर्ष में अपना प्रभाव दिखाता है।
राहु-केतु- जिन भी जातको पर इन ग्रहों का प्रभाव हो तो क्रमश: 42वें व 44वें वर्ष में भाग्योदय होता है।
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बता दें ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर भाग्योदय का वर्ष जानकर व्यक्ति उस समय के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य की शुरूआत करता है तो सफलता मिलने के आसार अधिक होते हैं। इसके अलावा नवम भाव के स्वामी ग्रहों को शुभ व बलवान रखने के उपाय भी किए जाते हैं। कहा जाता है इन ग्रहों की दशांतर्दशा व प्रत्यंतर विशेष फलदायक होती है। उदाहरण के तौर पर जब मेष, लग्न के लिए नवें भाव में धनु राशि आती है, तब शुभ फल प्राप्त होते हैं। 

धनु राशि का स्वामी गुरु है। गुरु का भाग्योदय वर्ष 16 वर्ष माना जाता है। अर्थात व्यक्ति को पहला अवसर 16 वें वर्ष में मिलता है इसके बाद क्रमश: 32वें, 48वें, 64वें वर्ष में परिवर्तन अवश्य आते हैं। अगर गुरु शुभ स्थिति में होते हैं तो शुभता बढ़ती है तो वहीं इसके अशुभ होने पर गुरु गायत्री मंत्र का, सूर्य मंत्र एवं महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से जीवन में शुभता आती है। 
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