Kalashtami Vrat 2020: आज ज़रूर पढ़े ये व्रत कथा

Edited By Lata,Updated: 17 Jan, 2020 10:00 AM

kalashtami vrat katha 2020

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है और इस साल ये आज यानि

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हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है और इस साल ये आज यानि 17 जनवरी को मनाई जा रही है। बता दें कि ये साल की पहली कालाष्टमी तिथि है। काल भैरव भगवान शिव का रूप माने जाते हैं। बहुत से लोग आज के दिन व्रत भी करते हैं। साल में कुल 12 कालाष्टमी व्रत पड़ते हैं। सबसे महत्वपूर्ण कालाष्टमी माघ महीने में पड़ती है। जिसे भैरव अष्टमी भी भी कहा जाता है। जो लोग व्रत नहीं कर पाते वे केवल कथा ही पढ़ लें तो उनका भाग्य खुल जाता है। 
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नारद पुराण के अनुसार कालाष्टमी के दिन कालभैरव और मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। इस रात देवी काली की उपासना करने वालों को अर्ध रात्रि के बाद मां की उसी प्रकार से पूजा करनी चाहिए जिस प्रकार दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि को देवी कालरात्रि की पूजा का विधान होता है। इस दिन शक्ति अनुसार रात को माता पार्वती और भगवान शिव की कथा सुनकर जागरण का आयोजन करना चाहिए। इस दिन व्रत करने वाले को फलाहार ही करना चाहिए। कहते हैं कि इस दिन कुत्ते को भोजन करवाने से लाभ मिलता है।
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एक दिन भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच कौन श्रेष्ठ है, इस बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। विवाद के समाधान के लिए दोनों सभी देवता और ऋषि मुनियों समेत शिव जी के पास पहुंचे। वहां पहुंच कर सभी को लगा कि सर्वश्रेष्ठ तो शिव जी ही हैं। इस बात से भगवान ब्रह्मा सहमत नहीं थे, वे क्रोध में आकर शिव जी का अपमान करने लगे। उनकी बातें सुनकर शिव जी को क्रोध आ गया, जिसके परिणाम स्वरूप कालभैरव का जन्म हुआ।

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