Edited By Lata,Updated: 07 Aug, 2018 03:06 PM
हिंदू मान्यताओं के अनुसार माता कालिका ने दुष्टों का संहार के लिए विकराल रुप धारण किया था। मां काली का स्वरुप जितना रौद्र है उतना ही उनके भक्तों के लिए मनमोहक भी।
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हिंदू मान्यताओं के अनुसार माता कालिका ने दुष्टों का संहार के लिए विकराल रुप धारण किया था। मां काली का स्वरुप जितना रौद्र है उतना ही उनके भक्तों के लिए मनमोहक भी। उनका यह रूप बुराई से अच्छाई को जीत दिलवाने वाला है। मां के इस स्वरुप की पूजा सन्यासी, तपस्वी या तांत्रिक लोग ही करते हैं। लेकिन साधारण व्यक्ति भी अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए इनकी उपासना कर सकते हैं। आद्यशक्ति होने के नाते वह अपने भक्तों पर आए संकटों को दूर करती हैं। इनकी पूजा-अर्चना करने से लोगों के भय दूर हो जाते हैं। भय को दूर करने वाली, बुद्धि देने वाली, शत्रुओं का नाश करने वाली मां की उपासना करने से सभी कष्ट अपना आप ही दूर होने लगते है। शास्त्रों में वर्णित है कि कलियुग के समय हनुमान जी, काल भैरव और मां काली की शक्तियां जागृत रूप में अपने भक्तों का उद्धार करने वाली होगी। कभी परिवार पर अचानक से कोई संकट आ जाए तो मां काली के दिव्य मंत्र है, जिसके जाप से मां जल्दी अपने भक्तों की पुकार को सुनती है और उनके भय का नाश करती हैं।
मंत्र
ॐ कालिके नम:।
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।
इस मंत्र को बड़ी सावधानी से जपना चाहिए वरना इनका बुरा प्रभाव भी हो सकता है। इन मंत्रों का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ मिलता है। इससे धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती है। माता काली की कृपा से सब काम संभव हो जाते हैं। 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें।
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