Edited By Lata,Updated: 17 Jan, 2020 12:28 PM
हिंदू धर्म में माघ माह को बहुत पवित्र माना जाता है। वहीं इस महीने में आने वाले हर व्रत व
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हिंदू धर्म में माघ माह को बहुत पवित्र माना जाता है। वहीं इस महीने में आने वाले हर व्रत व त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। वैसे तो हर माह में आने वाली अमावस्या तिथि महत्व रखती है, किंतु माघ मास में आने वाली मौनी अमावस्या का पर्व बहुत ही खास होता है। इस बात से तो सब वाकिफ ही हैं कि माघ के महीने में स्नान, दान व तप का महत्व पहले से अधिक बड़ जात है। कहते हैं कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
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शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रखने वाले को मौन धारण करते हुए दिनभर मुनियों जैसा आचरण करना पड़ता है, इसी कारण यह अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है। इस साल ये दिन 24 जनवरी 2020 को मनाया जाएगा। मौनी अमावस्या के दिन सूर्य तथा चन्द्रमा गोचरवश मकर राशि में आते हैं इसलिए यह दिन एक संपूर्ण शक्ति से भरा हुआ और पावन अवसर बन जाता है। इस दिन मनु ऋषि का जन्म भी माना जाता है इसलिए भी इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
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मौन व्रत का महत्व
इस दिन व्यक्ति विशेष को मौन व्रत रखने का भी विधान रहा है। इस व्रत का अर्थ है कि व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को अपने वश में रखना चाहिए। कई लोग इस दिन से मौन व्रत रखने का प्रण करते हैं। कई व्यक्ति एक दिन, कोई एक महीना और कोई व्यक्ति एक वर्ष तक मौन व्रत धारण करने का संकल्प कर सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मौन व्रत धारण करके ही स्नान करना चाहिए। वाणी को नियंत्रित करने के लिए यह शुभ दिन होता है। मौनी अमावस्या को स्नान आदि करने के बाद मौन व्रत रखकर एकांत स्थल पर जाप आदि करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे मन की शुद्धि होती है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति स्नान तथा जप आदि के बाद हवन, दान आदि कर सकता है। ऎसा करने से पापों का नाश होता है और साथ ही बताया जाता है कि गंगा स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ करने के समान फल मिलता समान है।