Nagchandreshwar Mandir: नाग देवता का अनोखा मंदिर साल में खुलता है एक बार, आप भी करें दर्शन

Edited By Updated: 08 Aug, 2024 06:38 AM

nagchandreshwar mandir

सावन मास के शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार यह 21 अगस्त को मनाया जा रहा है। आज भगवान शिव के आभूषण नाग देव की पूजा

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Nagchandreshwar Mandir: सावन मास के शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार यह 9 अगस्त को मनाया जा रहा है। आज भगवान शिव के आभूषण नाग देव की पूजा की जाती है। महाकाल की नगरी उज्जैन को मंदिरों का शहर कहा जाता है। इस शहर की हर गली में एक मंदिर है लेकिन नागचंद्रेश्वर मंदिर की आभा बेहद निराली है। मंदिर की सबसे खास बात है कि इसके कपाट केवल नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं।

PunjabKesari Nagchandreshwar Mandir

सनातन धर्म में सर्प को पूजनीय माना गया है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है और उन्हें गाय के दूध से स्नान कराया जाता है। माना जाता है कि जो लोग नाग पंचमी के दिन नाग देवता के साथ ही भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करते हैं, उनके जीवन से कालसर्प दोष खत्म हो जाता है। साथ ही राहू और केतु की अशुभता भी दूर होती है।

PunjabKesari Nagchandreshwar Mandir

Statue brought from Nepal नेपाल से लाई गई प्रतिमा
भगवान नागचंद्रेश्वर की मूर्ति काफी पुरानी है और इसे नेपाल से लाया गया था। नागचंद्रेश्वर मंदिर में जो अद्भुत प्रतिमा विराजमान है, उसके बारे में कहा जाता है कि वह 11वीं शताब्दी की है। इस प्रतिमा में शिव-पार्वती अपने पूरे परिवार के साथ आसन पर बैठे हुए हैं और उनके ऊपर सांप फन फैलाकर बैठा हुआ है। उज्जैन के अलावा कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।

PunjabKesari Nagchandreshwar Mandir

यह दुनिया भर का एकमात्र मंदिर है जिसमें भगवान शिव अपने परिवार के साथ सांपों की शैया पर विराजमान हैं।

PunjabKesari Nagchandreshwar Mandir

There is a tradition of Trikal Puja त्रिकाल पूजा की है परंपरा
मान्यताओं के अनुसार भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की परंपरा है। त्रिकाल पूजा का मतलब तीन अलग-अलग समय पर पूजा। पहली पूजा मध्यरात्रि में महानिर्वाणी होती है, दूसरी पूजा नागपंचमी के दिन दोपहर में शासन द्वारा की जाती है और तीसरी पूजा नागपंचमी की शाम को भगवान महाकाल की पूजा के बाद मंदिर समिति करती है। इसके बाद रात 12 बजे फिर से एक वर्ष के लिए कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

PunjabKesari Nagchandreshwar Mandir

Mythology पौराणिक कथा
मान्यताओं के अनुसार सांपों के राजा तक्षक ने भगवान शिव को मनाने के लिए तपस्या की थी, जिससे भोलेनाथ प्रसन्न हुए और सर्पों के राजा तक्षक नाग को अमरत्व का वरदान दिया।

PunjabKesari Nagchandreshwar Mandir

वरदान के बाद से राजा तक्षक ने प्रभु के सान्निध्य में ही वास करना शुरू कर दिया लेकिन महाकाल वन में वास करने से पूर्व उनकी यही इच्छा थी कि उनके एकांत में विघ्न न हो, इसलिए यही प्रथा चलती आ रही है कि केवल नागपंचमी के दिन ही उनके दर्शन होते हैं, बाकी समय पर परा के अनुसार मंदिर बंद रहता है।

PunjabKesari Nagchandreshwar Mandir
 


 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!