Edited By Lata,Updated: 26 Sep, 2019 04:38 PM
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन घरों में जौ बोए जाते हैं और लोग अपने घरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करते हैं।
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हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन घरों में जौ बोए जाते हैं और लोग अपने घरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करते हैं। जौ को मां का रूप ही समझा जाता है। बता दें कि ये मिट्टी के बर्तनों में ही बोया जाता है। इसके साथ ही आज हम आपके ये बताने जा रहे हैं कि इसी जौ के जरिए आपको पता चल सकता है कि आप पर माता की कृपा हुई है या नहीं। यानि कि आपके द्वारा की गई नवरात्रि में पूजा का फल मिलेगा या नहीं।
कहते हैं कि अगर अंकुरित जौ में काले रंग के अंकुर उगते है तो वह अशुभ संकेत होता है और वर्ष भर अकाल और निर्धनता बढ़ने का संकेत देता है।
अंकुरित जौ अगर धुंए के रंग वाली उगती है तो यह परिवार के लिए शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता के अनुसार उस वर्ष परिवार में आपसी कलह बढ़ता है और प्रेम काम होता है।
अगर किसी वर्ष जौ नहीं उगते है तो वह वर्ष काफी परेशानियों वाला होता है। उस वर्ष में जनहानि होने की संभावनाएं अधिक होती है। ऐसे वर्ष में कार्यों में रुकावट अधिक आती है और परिवार में किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु भी हो सकती है।
वहीं अगर अंकुरित जौ हरे रंग के हुए है तो वह वर्ष काफी खुशहाली देने वाला होता है। ऐसे में आप वर्ष भर धन-धान्य से परिपूर्ण रहेंगे और किसी भी तरह की आर्थिक परेशानियां आपके निकट भी नहीं आएंगी। अंकुरित जौ अगर सफेद रंग के हुए है तो वह बहुत ही शुभ संकेत है। यह अत्यंत शुभकारी और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की तरफ इशारा करता है। अगर अंकुरित जौ आधे पिले और हरे रंग के हुए है तो इसका मतलब है वर्ष भर पहले आपके काम बनेंगे और फिर बिगड़ भी सकते हैं।