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यहां जानें, सूर्य को जल चढ़ाने का क्या है महत्व ?

Edited By Lata,Updated: 14 Jun, 2019 04:59 PM

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हिंदू पंचांग के अनुसार जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करता है तो उसे उसी राशि की संक्रांति कहा जाता है।

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हिंदू पंचांग के अनुसार जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करता है तो उसे उसी राशि की संक्रांति कहा जाता है। कल सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश कर रहा है, जिसे मिथुन संक्रांति कहा गया है। इस दिन सूर्यदेव को जल चढ़ाने से बहुत लाभ मिलता है। संक्राति काल यानि सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाने का समय, इस समय सूर्य को जल चढ़ाने से पुण्य प्राप्ति होती है और कई तरह के पाप भी खत्म हो जाते हैं। सूर्य को सुबह जल चढ़ाने के धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक फायदे भी बहुत हैं। आइए जानें-

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। सूर्य की किरणें शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को दूर कर निरोगी बनाने का कार्य करती हैं। मान्यता है कि सूर्य को जल चढ़ाने से होने वाले फायदे का वैज्ञानिक आधार भी है। वैज्ञानिकों के अनुसार सुबह के समय सूर्य को चल चढ़ाने से शरीर को विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा मिलती है। इससे शरीर स्वस्थ रहता है। इंसान का शरीर पंच तत्वों से बना होता है। इनमें एक तत्व अग्नि भी है। सूर्य को अग्नि का कारक माना गया है। इसलिए सुबह सूर्य को जल चढ़ाने से उसकी किरणें पूरे शरीर पर पड़ती हैं। इससे हार्ट, त्वचा, आंखे, लिवर और दिमाग जैसे सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से मन में अच्छे विचार आते हैं, जिससे प्रसन्नता का अनुभव होता है। इससे सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ती है। ये व्यक्ति की इच्छाशक्ति को मजबूत करने का भी काम करता है।
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वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सूर्यदेव को आत्मा का कारक माना गया है। इसलिए प्रात:काल सूर्यदेव के दर्शन से मन को बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही ये शरीर में स्फूर्ति भी लाता है। प्रात:कालीन सूर्य की किरणें हमारी आंखों और हमारे शरीर के ऊर्जा चक्र को सक्रिय करने में सहायक होती है। सूर्य संक्रांति पर तो विशेषकर लाभ मिलते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को देवों की श्रेणी में रखा गया है। उन्हें भक्तों को प्रत्यक्ष दर्शन देने वाला भी कहा जाता है। इसलिए संक्रांति महापर्व पर यानी जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इस विशेष स्थिति पर सूर्यदेव को जल चढ़ाने से पुण्य मिलता है। सफलता और तरक्की के लिए भी सूर्यदेव को जल चढ़ाया जाता है।

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