Edited By Pardeep,Updated: 08 Jul, 2025 06:48 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को बांग्लादेश सहित 14 देशों पर नई टैरिफ (व्यापारिक दरों) का ऐलान कर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी। उन्होंने इसकी ऐलान करते हुए इन सभी देशों को पत्र भेजे हैं, जिनके शब्द और भाषा बिल्कुल एक जैसे हैं। ये...
वॉशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को बांग्लादेश सहित 14 देशों पर नई टैरिफ (व्यापारिक दरों) का ऐलान कर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी। उन्होंने इसकी ऐलान करते हुए इन सभी देशों को पत्र भेजे हैं, जिनके शब्द और भाषा बिल्कुल एक जैसे हैं। ये टैरिफ 1 अगस्त से लागू होंगे।
जापान और साउथ कोरिया को सबसे पहले मिले पत्र
जापान और दक्षिण कोरिया को 7 जुलाई को भारतीय समयानुसार रात 9:30 बजे के बाद सबसे पहले ये पत्र प्राप्त हुए। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इन पत्रों को शेयर करते हुए दोनों देशों के आयात पर 25% टैरिफ की घोषणा की। मलेशिया, कज़ाखस्तान, दक्षिण अफ़्रीका, लाओस, म्यांमार को बिलकुल बाद में पत्र भेजे गए।
टैरिफ नोटिस कैसे भेजा गया?
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ट्रंप ने इन देशों के नेताओं को आधिकारिक पत्र भेजे, जिन्हें उन्होंने अपने सोशल प्लेटफॉर्म Truth Social पर सार्वजनिक किया।
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पत्रों में साफ कहा गया कि अगर कोई देश बदले में टैक्स बढ़ाता है, तो अमेरिका वो भी वैसा ही कर देगा।
क्यों लगाए ये टैरिफ?
नया टैरिफ किसे लगेगा? (25% से 40%)
| देश |
टैरिफ दर |
| म्यांमार (Myanmar) |
40% |
| लाओस (Laos) |
40% |
| थाईलैंड (Thailand) |
36% |
| कंबोडिया (Cambodia) |
36% |
| बांग्लादेश (Bangladesh) |
35% |
| बोस्निया–हर्जेगोविना |
30% |
| दक्षिण अफ़्रीका (South Africa) |
30% |
| कज़ाखस्तान (Kazakhstan) |
25% |
| मलेशिया (Malaysia) |
25% |
| ट्यूनीशिया (Tunisia) |
25% |
| जापान (Japan) |
25% |
| दक्षिण कोरिया (South Korea) |
25% |
| लाओस / म्यांमार |
40% |
आगे क्या होगा?
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व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट के अनुसार, कुल लगभग 12 देशों को पत्र भेजे जा रहे हैं और अधिक के लिए बातचीत जारी है।
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ट्रंप प्रशासन पुराने बातचीत की समय सीमा (9 जुलाई) को 1 अगस्त तक बढ़ा चुका है, ताकि काफी देशों के साथ बेहतर व्यापार समझौते हो सकें।
संभावित प्रभाव:
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बिज़नेस, मार्केट्स और नीति निर्माताओं को अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बार-बार बदलती दरें योजना बनाने में मुश्किलें बढ़ा रही हैं।
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इससे संभवतः महंगाई में वृद्धि, निवेश की हानि, और उद्योगों में व्यवधान हो सकता है।
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ट्रंप कहते हैं कि इससे टैक्स राजस्व बढ़ेगा और कारखानों में अमेरिकी रोजगार बढ़ेगा—लेकिन आलोचक इसका जीपीडी पर नकारात्मक असर बताते हैं।