Edited By Jyoti,Updated: 19 Jan, 2020 04:41 PM
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में हर तरह के मनुष्य संबंधी बातें बताई है। इतना ही नहीं इनेक नीति शास्त्र में सफल होने के सूत्र भ बताए हैं।
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आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में हर तरह के मनुष्य संबंधी बातें बताई है। इतना ही नहीं इनेक नीति शास्त्र में सफल होने के सूत्र भ बताए हैं। इसके अलावा इन्होंने सुखी व अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए भी बहुत से श्लोक दिए गए हैं। आज हम आपको चाणक्य की एक ऐसी ही नीति के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें उन्होंने बताया है कि मूर्ख व्यक्ति से किया किसी भी तरह वार्तालाप कभी लाभ नहीं देता। तो चलिए जानते हैं इनकी इस नीति के बारे में-
श्लोक- मूर्खेषु विवादो न कर्तव्य:।
अर्थ : मूर्खों से विवाद (तर्क-वितर्क) नहीं करना चाहिए।
भावार्थ : मूर्ख व्यक्ति से वाद-विवाद करके विद्वान व्यक्ति अपना ही समय नष्ट करता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति किसी की बात नहीं सुनते और अपनी ही बात को सही सिद्ध करने की जिद करते रहते हैं। उनसे वाद-विवाद न करके उन्हें कुचल डालना श्रेष्ठ है, अन्यथा वे लड़ाई-झगड़े पर उतर आते हैं। इसलिए चाणक्य मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए जो व्यक्ति अपनी मूर्खता दर्शाए उसके साथ कभी भी किसी भी प्रकार की बहल न करें। क्योंकि इससे उनका तो कोई नुकसान नहबीं होता परंतु सामने वाले इंसान की एनर्जी खत्म होती है।