Edited By ,Updated: 23 Mar, 2017 10:14 AM
ग्रैच्युटी के नियम बदल सकते हैं। हो सकता है कि अब नए नियमों के तहत ...
नई दिल्ली: ग्रैच्युटी के नियम बदल सकते हैं। हो सकता है कि अब नए नियमों के तहत प्रॉविडैंट फंड (पी.एफ.) की तर्ज पर ग्रैच्युटी के लिए भी आपकी सैलरी से रकम काटी जाए। यानी ग्रैच्युटी को आपकी सी.टी.सी.(कॉस्ट टू कंपनी) का हिस्सा बना दिया जा सकता है। अभी तो यह प्रस्ताव के स्तर पर है। अगर ऐसा होता है तो आपके बैंक खाते में आने वाली सैलरी कुछ और कम हो सकती है। हो सकता है कि अब ग्रैच्युटी की रकम भी आपकी सी.टी.सी. से काटी जाए। अब तक यह रकम इम्प्लॉयर आपको 5 वर्ष की सर्विस पूरी होने पर आभार प्रकट करने के लिए देता है। आमतौर पर ग्रैच्युटी सी.टी.सी. का हिस्सा नहीं होती है मगर सोशल सिक्योरिटी कोड के लिए तैयार ड्राफ्ट में ग्रैच्युटी फंड तैयार करने का प्रस्ताव है। इसके तहत कर्मचारी की सैलरी का 2 पर्सैंट हिस्सा इम्प्लॉयर ग्रैच्युटी फंड में डालेगा। साफ है कि अगर ऐसा होता है कि इम्प्लॉयर इसे आपकी सी.टी.सी. का हिस्सा मानेगा तो आपकी टेक होम सैलरी कम हो सकती है।
क्या होती है ग्रैच्युटी
गौरतलब है कि ग्रैच्युटी के लिए कम से कम 5 वर्ष नौकरी जरूरी है और कम से कम 10 इम्प्लाइज वाली कंपनियों पर यह नियम लागू होता है। 1 वर्ष की सर्विस पर 15 दिनों की सैलरी ग्रैच्युटी में जोड़ी जाती है। बेसिक सैलरी और डी.ए. को जोड़कर ग्रैच्युटी बनती है। वहीं प्राइवेट सैक्टर के इम्प्लाइज के लिए टैक्स फ्री ग्रैच्युटी 20 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है, अभी 10 लाख रुपए तक की ग्रैच्युटी टैक्स फ्री है। टैक्स फ्री ग्रैच्युटी 20 लाख रुपए करने के प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी का इंतजार है।