Edited By Sonia Goswami,Updated: 14 Aug, 2018 09:05 AM
जेल में अपनी सजा पूरी करने के बाद भी जुर्माना ना भरने की वजह से कई कैदी अभी भी सलाखों के पीछे हैं। भोपाल में रहने वाला महज 14 साल का आयुष ऐसे कैदियों के लिए फरिश्ता बन कर आया है। दरअसल भोपाल के शिवाजी नगर में रहने वाले आयुष ने आने वाले 15 अगस्त के...
नई दिल्लीः जेल में अपनी सजा पूरी करने के बाद भी जुर्माना ना भरने की वजह से कई कैदी अभी भी सलाखों के पीछे हैं। भोपाल में रहने वाला महज 14 साल का आयुष ऐसे कैदियों के लिए फरिश्ता बन कर आया है। दरअसल भोपाल के शिवाजी नगर में रहने वाले आयुष ने आने वाले 15 अगस्त के लिए ऐसा काम किया है, जिसकी उम्मीद बहुत कम लोगों को होगी।
10वीं में पढ़ने वाले आयुष ने इंदौर और भोपाल की जेल में बंद 14 कैदियों और उनके परिजनों के चेहरों पर मुस्कुराहट ला दी है। आयुष ने स्कॉलरशिप में मिले रुपयों को डोनेट कर 14 ऐसे कैदियों की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है, जो सजा तो पूरी कर चुके थे लेकिन जुर्माना ना भर पाने के कारण जेल में बंद हैं। आयुष ने स्कॉलरशिप में मिले रुपयों में से करीब 27 हजार रुपये का जुर्माना भर दिया है और अब 15 अगस्त की सुबह ये सभी 14 कैदी जेल से वाहर खुली हवा में सांस ले सकेंगे।
आयुष के अनुसार उसे ये विचार 2016 में भोपाल जेल ब्रेक के कारण आया जब जेल ब्रेक के दौरान कॉन्स्टेबल की हत्या हो गई थी। 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले आयुष की नेकदिली की तारीफ हर जगह हो रही है। डीजी जेल संजय चौधरी का कहना है कि वैसे तो कई संस्थाएं होती हैं जो जुर्माना की रकम देकर जरूरतमंद कैदियों की मदद करती आई हैं। हालांकि एक 14 साल के स्कूली बच्चे का स्कॉलरशिप डोनेट कर कैदियों को छुड़ाना वाकई काबिले तारीफ है।
आयुष का कहना है कि वो भविष्य में भी जरूरतमंद कैदियों की ऐसे ही मदद करता रहेगा। आयुष इससे पहले इसी साल 26 जनवरी को भी 4 कैदियों को छुड़वा चुका है। पढ़ने में बेहद ही होशियार आयुष को 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी सम्मानित कर चुके हैं।