Edited By Sonia Goswami,Updated: 14 Jul, 2018 03:58 PM
एक नई किताब में बचपन के मुश्किल अनुभवों और इस दुख और उसके समाधान के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।
नई दिल्लीः एक नई किताब में बचपन के मुश्किल अनुभवों और इस दुख और उसके समाधान के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। शरण्या मनीवन्नन की चित्रात्मक किताब ‘ द अम्मुची पुची ’ प्रेम , बिछोह और उम्मीद के खट्टे-मीठे अनुभवों की कहानी है। इसमें इलस्ट्रेशन का काम नेरिना कांजी ने किया है।
लेखिक कहती हैं ‘ द अमुची पुची ’ प्रिय दादा - दादी से बिछोह से बच्चों को निपटने में मदद करने के लिए लिखी गई है। आदित्य और अंजलि ने अपनी दादी को खो दिया और फिर प्रकृति में उन्हें इस दुख से राहत नजर आई। उन्होंने कहा कि यह किताब दर्द ,अलौकिकता , अनंत प्रेम और कल्पना की शक्ति के बारे में है।
किताब का प्रकाशन पुफिन (पैंगुइन रैंडम हाउस इंडिया) ने किया है। किताब आदित्य और अंजलि नाम के दो बच्चों और उनकी दादी आमुची के बारे में है। ये बच्चे अपनी दादी से कहानियां सुनना बेहद पसंद करते थे खास तौर पर पेड़ों पर भूतों की डरावनी कहानियां। एक रात ?उनकी दादी का निधन हो गया और उन्हें ऐसा लगा कि उनकी सारी कहानियों का अब कोई मतलब नहीं रह गया।